रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov)के अगले एक सप्ताह में भारत आने की उम्मीद है और इस दौरान मुख्य जोर नई दिल्ली द्वारा मॉस्को से तेल और सैन्य उपकरण की खरीद के लिए भुगतान प्रणाली पर चर्चा पर रहने की उम्मीद है. यह जानकारी इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने सोमवार को दी. गौरतलब है कि मॉस्को द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमण शुरू किए जाने के बाद से यह रूस की ओर से भारत की सर्वोच्च स्तरीय यात्रा होगी.
विदेश मंत्रालय या रूसी विदेश मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित यात्रा पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.पिछले कुछ हफ्तों में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, अमेरिका के राजनीतिक मामलों की अवर विदेश मंत्री विक्टोरिया नुलैंड और ऑस्ट्रिया और यूनान के विदेश मंत्रियों सहित भारत की कई उच्च स्तरीय यात्राएं हुई हैं.ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस गुरुवार को भारत दौरे पर आने वाली हैं.
लावरोव की प्रस्तावित यात्रा के बारे में ऊपर उद्धृत लोगों ने कहा कि इस दौरान मुख्य ध्यान रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरण की भारत द्वारा खरीद के लिए भुगतान प्रणाली पर होने की संभावना है.रूस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों ने उस देश को भुगतान करने में कठिनाइयां उत्पन्न की हैं. पता चला है कि दोनों पक्ष रुपये-रूबल भुगतान प्रणाली को सक्रिय करने पर विचार कर रहे हैं.कई अन्य प्रमुख शक्तियों के विपरीत, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान से परहेज किया है.
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