"डर के भाग रहे...": मनीष सिसोदिया की सीबीआई से मोहलत मांगने पर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा

प्रवेश वर्मा ने कहा कि हम सब जानते हैं कि मनीष सिसोदिया नाम के उपमुख्यमंत्री हैं. सारा डायरेक्शन तो उनको मुख्यमंत्री के पास से आता है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और और सीबीआई का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई से मोहलत मांगने पर कहा कि मनीष सिसोदिया डर के भाग रहे हैं, लेकिन ज्यादा दिन तक भाग नहीं पाएंगे. उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा. कल अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमारे उपमुख्यमंत्री जांच में सहयोग देंगे, लेकिन आज भाग रहे हैं. सीबीआई के डर के मारे भाग रहे हैं. अरविंद केजरीवाल 8 साल से खाली बैठे हुए हैं. देश के हर मुख्यमंत्री के पास कोई न कोई विभाग होता है और वित्त विभाग ज्यादातर देश के मुख्यमंत्री के पास होता है. दिल्ली एक अकेला राज्य है, जिनके मुख्यमंत्री के पास 8 साल से कोई विभाग नहीं है.

फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने जाते हैं
प्रवेश वर्मा ने सवाल किया कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री 10 दिन के लिए बजट नहीं बना सकते हैं? वह पिछले 8 साल से खाली बैठे हुए हैं. उनके पास तो कोई काम नहीं है. वह मनीष सिसोदिया से ज्यादा पढ़े-लिखे आदमी हैं. आईआईटी में पढ़े हुए हैं आईआरएस अफसर हैं,  उनको वित्त विभाग की ज्यादा समझ है. वह क्या कर रहे हैं? वह बजट बना लें. देखिए, कोई नई पिक्चर आ जाने पर यह उसका फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने जाते हैं. पठान फिल्म भी देखने के लिए गए. क्या उस समय इनको बजट की चिंता नहीं थी? हम सब जानते हैं कि मनीष सिसोदिया नाम के उपमुख्यमंत्री हैं. सारा डायरेक्शन तो उनको मुख्यमंत्री के पास से आता है.

अंततः जेल तो जाना ही पड़ेगा
प्रवेश वर्मा ने कहा कि बीजेपी शराब की नीति लेकर नहीं आई थी. बीजेपी ने तो परसेंटेज की बात नहीं की थी. आप क्रेडिट नोट ईशु कर रहे.. कैश आप ले रहे हैं. आप घोटाले कर रहे हैं. गोवा और पंजाब में लड़ने के लिए पैसे ले रहे हैं. दलाली का पैसा आप ले रहे हैं तो जेल तो आपको ही जाना पड़ेगा. आप बजट का बहाना ले लीजिए, लेकिन अंततः जेल तो जाना ही पड़ेगा.

Advertisement

हंसी का पात्र बन रहे
भाजपा सांसद ने कहा कि मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और और सीबीआई का आपस में कोई लेना-देना नहीं है. दोनों अलग-अलग काम कर रहे हैं. क्या वह यह कहना चाह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई आपस में रोज बात करते हैं? क्या वह यह कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट फैसला देगा, उसके बाद ही सीबीआई काम करेगी. आपने भ्रष्टाचार किया है तो आप को जेल जाना पड़ेगा. अगर आपने नहीं किया है तो जेल नहीं जाएंगे. क्यों डर रहे हैं? आप 2 घंटे के लिए चले जाते तो उससे क्या फर्क पड़ता है. क्यों हंसी का पात्र बन रहे हैं आप?

Advertisement

यह भी पढ़ें-
सेल्फी विवाद : सपना गिल ने कोर्ट से कहा, "पृथ्वी शॉ कौन है, यह भी नहीं पता था..."
ईसी का फैसला स्वीकार करें, चिह्न बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा : शरद पवार की उद्धव को सलाह

Advertisement
Topics mentioned in this article