उज्जैन (Ujjain) में रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal Mandir) तक दो किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा. यह रोपवे 209 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा. इसके लिए मंजूरी दे दी गई है. इस रोपवे के तैयार हो जाने के बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक की दूरी महज पांच मिनट में तय की जा सकेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने यह बात कही.
नितिन गडकरी ने कहा कि रोपवे का निर्माण जुलाई 2023 से शुरू हो जाएगा. रोपवे स्टेशन में लोगों के लिए फ़ूड जोन, वेटिंग एरिया, शौचालय के साथ-साथ बस और कार पार्किंग की भी सुविधा मिलेगी.
गौरतलब है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नवनिर्मित कॉरिडोर 'महाकाल लोक' का लोकार्पण किया था. 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल लोक कॉरिडोर पुरानी रुद्र सागर झील के चारों तरफ फैला है. 856 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस कॉरिडोर से मध्य प्रदेश की तीर्थ नगरी उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 5 एकड़ में बना है, यानी महाकाल कॉरिडोर उससे 4 गुना बड़ा है. इस कॉरिडोर की कई विशेषताएं हैं जिसमें धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्ती चित्र सजावट के रूप में सजाए गए हैं. कई भव्य और विशाल प्रतिमाओं से सुसज्जित इस कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है.
कॉरिडोर के लोकार्पण समारोह में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि, "महाकाल उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह, 'महाकाल लोक' में लौकिक कुछ भी नहीं है. जब भारत का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में है. शंकर के सानिध्य में कुछ भी साधारण नहीं है, असाधारण है." उन्होंने कहा था, "हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरूप का निर्माण होता है और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं. उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है. यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं."
पीएम मोदी ने उज्जैन में किया महाकाल लोक का लोकार्पण, महाकाल कॉरिडोर का भी उद्घाटन