PGI रोहतक के MBBS छात्र बॉन्ड पॉलिसी का कर रहे थे विरोध, CM के दौरे से पहले आधी रात 7 बसों में लाद ले गई पुलिस

हरियाणा सरकार एमबीबीएस में एडमिशन के वक्त सात साल के लिए 40 लाख रुपए का बॉन्ड भरवा रही है. एमबीबीएस छात्र इसी का विरोध कर रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
छात्र पिछले चार दिन से प्रदर्शन कर रहे थे.
रोहतक:

रोहतक पीजीआई के एमबीबीएस छात्र हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ पिछले चार दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. बीती रात पुलिस ने करीब 2 बजे प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बल पूर्वक हिरासत में ले लिया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस करीब सात बसों में भरकर ले गई है. 

हरियाणा सरकार एमबीबीएस में एडमिशन के वक्त सात साल के लिए 40 लाख रुपए का बॉन्ड भरवा रही है. एमबीबीएस छात्र इसी का विरोध कर रहे हैं.

पंडित भगवत दयाल शर्मा हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में शनिवार को राज्यपाल बण्डारू दत्तारेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शामिल होने वाले थे. छात्रों ने देर रात दीक्षांत समारोह वाले सभागार के गेट के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने वहां पहुंचकर छात्रों को अपनी हिरासत में ले लिया. 

बूथ पर डाला जा रहा था वोट, तभी आपस में चलने लगे लात-घूंसे, फेंकी गई कुर्सियां, वीडियो वायरल 

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि हम सरकार की बॉन्ड पॉलिसी का शांति से विरोध कर रहे थे. हम सरकार से इस पॉलिसी को रद्द करने के लिए लिखित में आश्वासन मांग रहे थे. पुलिस ने वहां पहुंचकर हमारे साथ जोर जबरदस्ती की. जब हमने वहां से उठने से मना कर दिया तो जबरन पुलिस हमें उठा ले गई. 

पुलिस का कहना है कि हमने सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए छात्रों से कहा था कि आप यह जगह खाली कर दीजिए, आप दूसरी जगह धरना दे सकते हैं. इसके साथ ही छात्रों को यह भी भरोसा दिलाया गया था कि आपकी मुख्यमंत्री से मुलाकात भी करवाएंगे. लेकिन छात्रों ने ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी.

पैरोल पर रिहा हुए लोगों ने राजनीतिक रैलियां भी की हैं : राम रहीम विवाद पर सीएम खट्टर का बयान

Advertisement

बता दें, हरियाणा सरकार ने एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए 40 लाख रुपए की बॉन्ड पॉलिसी लागू की है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम सात साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 40 लाख रुपए सरकार को देने होंगे.

Featured Video Of The Day
Jhansi College Fire: 18 शिशुओं के इलाज की क्षमता फिर भी 50 नवजात थे एडमिट, NDTV का Reality Check
Topics mentioned in this article