जानते थे पोल गिर सकता है, फिर भी नहीं की मरम्मत... बास्केटबॉल कोर्ट में हार्दिक की मौत पर छलका भाई का दर्द

Rohtak Basketball Player Death: हार्दिक के भाई खड़क सिंह ने बताया कि जिस कोर्ट में उसकी जान गई है, उसे साल 2009 में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सहयोग से बनाया गया था. उन्होंने कहा कि पोल में जंग लगी थी. खेल अकादमी के कोच ने कम से कम 10 बार अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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बास्केटबॉल खिलाड़ी की मौत पर फूटा परिवार का गुस्सा.
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  • हरियाणा के रोहतक में 16 साल के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की प्रैक्टिस के दौरान पोल गिरने से मौत हो गई.
  • हार्दिक की मौत के लिए उसके चचेरे भाई ने हरियाणा सरकार के खेल विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.
  • हादसे का कारण जंग लगे पोल को बताया गया, जिसे कई बार मरम्मत के लिए अधिकारियों को सूचित किया गया था.
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रोहतक:

हरियाणा के रोहतक में 16 साल के राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की प्रैक्टिस के दौरान मौत से परिवार सदमे में है. बास्केटबॉल कोर्ट में लगा एक पोल अचानक उसके ऊपर गिर गया था, जिसकी वजह से हार्दिक राठी की मौत हो गई. उसके चचेरे भाई ने इस दुखद मौत के लिए हरियाणा सरकार के खेल विभाग को ज़िम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जिस जंग लगे पोल की वजह से यह हादसा हुआ है, बार-बार मांग करने के बाद भी उसकी मरम्मत नहीं की गई.

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हार्दिक प्रैक्टिस के लिए बास्केटबॉल कोर्ट जाता था

हार्दिक के चचेरे भाई खड़क सिंह राठी ने एनडीटीवी से कहा कि उनके परिवार को ऐसा नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती. हार्दिक एक सभ्य और फोकस्ड बच्चा था. उसका सपना बास्केटबॉल में भारत का नेतृत्व करना था. दो भाइयों में हार्दिक बड़ा था. माता-पिता ने दोनों भाइयों का दाखिला रोहतक के लाखन माजरा के एक बास्केटबॉल एकेडमी में करा दिया था. हार्दिक हर दिन छह घंटे तक प्रैक्टिस करता था. सुबह 4 बजे से 7 बजे तक और शाम 4:30 बजे से 7:30 बजे उसका प्रैक्टिस का समय था. खड़क सिंह ने बताया कि जब भी दोनों भाई खाली होते या उनका स्कूल बंद होता तो वे प्रैक्टिस के लिए बास्केट बॉल कोर्ट जाते थे.

  • हार्दिक ने 11 साल की उम्र में ही बास्केटबॉल की प्रैक्टिस करनी कर दी थी शुरू
  •  इंडिया की टीम की तरफ से पिछले 5 साल से खेल रहा था
  •  दिसंबर में उसे नेशनल चैंपियनशिप में जाना था, वह उसी की तैयारी में जुटा था. 
  •  उसका सपना था कि भारत के लिए खेले और अंतरराष्ट्रीय मंच पर तिरंगा लहराए.
  •  हार्दिक राठी दो भाइयों में बड़ा था. उसकी मां गृहणी हैं और पिता खाद्य विभाग में काम करते हैं.
  •  हार्दिक बहुत फिट था, उसे कोई दिक्कत नहीं थी.

किनारा पकड़ते ही छाती पर गिरा जंग लगा पोल

हार्दिक के चचेरे भाई ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे हार्दिक कोर्ट पर प्रैक्टिस करर रहा था. घटना की सीसीटीवी फुटेज में उसे कूदते और बास्केट को छूते हुए देखा जा सकता है. एक बार कूदते समय उसने बास्केट का किनारा पकड़ा और पोल उसके ऊपर गिर गया. वहां मौजूद उसके दोस्त उसकी तरफ दौड़े. उन्होंने पोल उठाया और उसे बचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

खड़क सिंह ने बताया कि बास्केटबॉल बोर्ड हार्दिक की छाती पर लगा और अंदरूनी ब्लीडिंग हो गई, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. इस दुखद घटना के लिए वह हरियाणा सरकार और खेल विभाग को ज़िम्मेदार मानते हैं. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार से विनती करते हुए कहा कि उनको इस कोर्ट की मरम्मत करवानी चाहिए, ताकि बच्चों को पदक जीतने के लिए अपनी जान जोखिम में न डालनी पड़े. खड़ग सिंह ने कहा कि मैंने अपना भाई खोया है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि कोई और परिवार अपना बेटा खोए.

पहले ही दी गई थी पोल गिरने की चेतावनी

खड़क सिंह ने बताया कि जिस कोर्ट में हार्दिक की जान गई है, उसे साल 2009 में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सहयोग से बनाया गया था. उन्होंने कहा कि जंग लगे पोल की हालत देखी जा सकती है. खेल अकादमी के कोच ने कम से कम 10 बार अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जांच में चेतावनी दी गई थी कि पोल किसी भी दिन गिर सकता है.

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हार्दिक के परिवार ने बताया कि उसने 11 साल की उम्र में बास्केटबॉल खेलना शुरू किया था और पांच साल से राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहा था. वह नेपाल में होने वाले एक टूर्नामेंट के लिए प्रैक्टिस कर रहा था.

कांग्रेस नेता ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला

इस दुखद घटना के लिए कांग्रेस नेता हुड्डा ने हरियाणा की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आपराधिक लापरवाही की वजह से एक प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी की जान चली गई. पिछले 11 सालों से हरियाणा की बीजेपी सरकार ने स्टेडियमों के लिए पैसा देना बंद कर दिया है. ये सभी स्टेडियम कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने थे.खेल सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने अपनी सांसद निधि से 18 लाख रुपये दिए, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया गया, क्यों कि वह विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने कहा कि हार्दिक की मौत की घटना सरकार की नीति और नीयत को दिखाती है.

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बता दें कि इस हादसे के बाद कार्रवाई करते हुए खेल मंत्री गौरव गौतम ने एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है. उन्होंने जिला प्रशासन को खेल सुविधाओं की जांच और उपकरणों की मरम्मत का आदेश भी दिया है.

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