राहुल गांधी की कृषि कानूनों को लेकर धमकी वाले दावे की रोहन जेटली ने खोली पोल

रोहन जेटली ने कहा मैं राहुल गाधी को याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था. कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
रोहन जेटली ने राहुल गांधी पर गलतबयानी का लगाया आरोप
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • रोहन जेटली ने राहुल गांधी पर उनके पिता को लेकर गलत बयान देने का आरोप लगाया है.
  • रोहन जेटली ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी के दावे पूरी तरह से गलत और तथ्यों से परे हैं.
  • उन्होंने बताया कि उनके पिता अरुण जेटली का निधन 2019 में हुआ था जबकि कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

राहुल गांधी ने देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली को लेकर आज दावा किया कि उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर धमकी दी थी. इस आरोप का उनके बेटे और DDCA (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने जवाब दिया है. उन्होंने राहुल गांधी पर उनके पिता को लेकर गलत बयान देने का आरोप लगाया है. रोहन जेटली ने राहुल गांधी के दावों को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी मेरे पिता अरुण जेटली को लेकर जो भी बातें कह रहे हैं, वो पूरी तरह से गलत और तथ्यों से परे है. 

रोहन जेटली का पोस्ट

रोहन जेटली ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा कि राहुल गांधी अब दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था. मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था. कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे. 

जेटली ने आगे कहा कि अगर कभी ऐसी स्थिति आती भी, जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है, तो वह सभी के लिए एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते थे. वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है. मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें, जो हमारे साथ नहीं हैं. उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया, जो उतना ही घटिया था. दिवंगत आत्मा को शांति मिले. 

Featured Video Of The Day
Yasin Malik का Former PM Manmohan Singh पर हलफनामा, बचाया या फंसाया? | Khabron Ki Khabar