बिहार आरजेडी नेता श्वेता सुमन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. राज्य की मोहनिया सुरक्षित विधानसभा सीट पर से नामांकन रद्द होने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्वाचन आयोग ने यह कहते हुए उनका नामांकन खारिज कर दिया था को उत्तर प्रदेश की निवासी हैं.
गौरतलब है कि श्वेता सुमन ने अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित मोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था और उसके साथ जाति प्रमाणपत्र भी लगाया था. लेकिन स्थानीय सर्किल अधिकारी ने प्रमाणपत्र की वैधता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दर्ज की थी. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था.
श्वेता सुमन का कहना है कि उन्हें न तो आपत्ति की प्रति दी गई और न ही कोई सुनवाई का अवसर मिला. उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया. आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि यह फैसला राजनीतिक दबाव में लिया गया है. श्वेता सुमन ने कहा कि भाजपा और उसके उम्मीदवार मुझसे डर गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे नामांकन को साजिश के तहत रद्द किया गया है. सुमन ने कहा कि आयोग कह रहा है कि मैं बिहार की निवासी नहीं हूं, जबकि मैं पिछले 20 साल से कैमूर में रह रही हूं.
निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन यह कहते हुए रद्द किया कि वह उत्तर प्रदेश की निवासी हैं, इसलिए बिहार की आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं. गौरतलब है कि मोहनिया सीट से भाजपा ने मौजूदा विधायक संगीता कुमारी को उम्मीदवार बनाया है, जो पहले आरजेडी में थी.














