अग्निपथ योजना: शिवानंद तिवारी ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल, "नहीं संभल रही कानून व्यवस्था"

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से राज्य में इस आंदोलन के खिलाफ युवा सड़कों पर हैं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार बिहार में कानून व्यवस्था को सही से संभाल नहीं पा रहे हैं.

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शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार सरकार पर उठाए सवाल
पटना:

बिहार अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अब राजनीति भी तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD)के नेता शिवानंद तिवारी ने इस योजना के खिलाफ राज्य भर में हो रही हिंसा को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोमवार को कहा कि जिस तरह से राज्य में इस आंदोलन के खिलाफ युवा सड़कों पर हैं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार बिहार में कानून व्यवस्था को सही से संभाल नहीं पा रहे हैं. खास बात ये है कि तिवारी ने ये सवाल तब उठाया है जब राज्य में प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेताओं पर हुए हमले के बाद केंद्र ने 10 बीजेपी नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया है. 

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शिवानंद तिवारी ने केंद्र सरकार द्वारा बीजेपी के 10 नेताओं को अतिरिक्त सुरक्षा देने पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि इससे तो यही साबित होता है कि नीतीश कुमार की सरकार पर केंद्र को भरोसा नहीं रहा है. सवाल सिर्फ़ बीजेपी नेताओं की सुरक्षा का ही नहीं है. हिंसा के दौरान कई ज़िलों के बीजेपी कार्यालय की सुरक्षा का प्रभार भी भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया है. हमारी संवैधानिक व्यवस्था के तहत राज्य में क़ानून और व्यवस्था राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है. ऐसी हालत में प्रश्न उठता है कि केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति के पूर्व क्या केंद्र सरकार ने बिहार सरकार की सहमति ली थी! वैसे तो सवाल यह भी उठता है कि बिहार की सरकार क्या अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निर्वहन करने में इतनी असमर्थ हो गई है कि वह अपने राज्य में नेताओं और राजनीतिक दलों के दफ़्तरों को सुरक्षा तक प्रदान नहीं कर सकती है ? अपेक्षा है कि सरकार इन विषयों पर स्पष्टीकरण देगी.

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गौरतलब है कि ‘अग्निपथ' योजना के खिलाफ बिहार में हिंसक विरोध प्रदर्शन की घटनाओं में बीते कुछ दिनों में कमी आई है. उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी रही और सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं. पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राज्य में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और आगजनी के सिलसिले में अब तक कुल मिलाकर 804 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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विरोध प्रदर्शनों के संबंध में दर्ज प्राथमिकी की संख्या 145 है और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने या संलिप्त होने के संदेह वाले व्यक्तियों का पता लगाने का अभियान जारी रहा.

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पुलिस मुख्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के 38 में से 17 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और कुछ स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती जारी है.

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उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि दोपहर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस. के. सिंघल को अपने आवास पर तलब किया.

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