रिंकू सिंह यूपी में बने बेसिक शिक्षा अधिकारी और सोशल मीडिया पर क्यों मच गया हंगामा

रिंकू सिंह का नाता अलीगढ़ से है और ये एक साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता एलपीजी सिलेंडर के वितरण का काम करते थे. आक्रामक बल्लेबाजी से पहचान बनाने वाले 27 साल के रिंकू इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षक अधिकारी नियुक्त करने के फैसला पर मच बवाल.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षक अधिकारी नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है
  • सोशल मीडिया पर इस नियुक्ति को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं.
  • कुछ उपयोगकर्ता इस निर्णय का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य आलोचना कर रहे हैं.
  • दरअसल रिंकू सिंह ने हाईस्कूल तक की पढ़ाई पूरी नहीं की है, ऐसे में नियुक्ति को विवाद हो रहा है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षक अधिकारी नियुक्त करने का फैसला लिया है. खेल जगत में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. कुछ लोग यूपी सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे सही बता रहे हैं. दरअसल विशेष नियमावली 2022 के तहत क्रिकेटर रिंकू सिंह का चयन इस पद के लिए किया गया है. लेकिन इस पद के लिए पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है और रिंकू सिंह ने हाईस्कूल तक पास नहीं किया है. ऐसे में सरकार के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है. 

सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग

सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और इस पद के लिए रिंकू सिंह के चयन को सही बताया है.

Advertisement

एक यूजर ने लिखा,पढ़ाई करके किसी ने जॉब ली तो कोई खेल कूदकर...अरे भाई गरीब का बच्चा अपने दम पर खेलकर यहां तक पहुंचा है.

Advertisement
Advertisement

एक यूजर ने लिखा, उत्तर प्रदेश सरकार ने क्रिकेटर रिंकू सिंह को BSA बना दिया है, यह ख़बर आते ही कुछ लोगों के ज़ोरदार पेट दर्द होने लगा.

Advertisement

सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना करते हुए एक यूजर ने लिखा, अगर रिंकू सिंह को खेल विभाग या पुलिस विभाग में रखते तो शायद ज्यादा अच्छा होता. लेकिन शिक्षा विभाग में नौकरी देकर लाखों पढ़े लिखे नौजवानों को चिढ़ाने का काम किया है. एक यूजर ने लिखा, रिंकू सिंह को शिक्षा विभाग में अफसर बनाना ठीक नहीं है. इससे अच्छा है के पुलिस विभाग में बना देते कुछ.

एक अन्य यूजर ने लिखा, ये देश के पढ़े - लिखे युवाओं के साथ अन्याय है. अगर कुछ बनाना ही है तो क्रिकेट संस्थान में कोई पद दिया जाता तब तो ठीक था. लेकिन जिस चीज की जानकारी नहीं उसमें पद देना मूर्खता है. 

कहा जा रहा है कि रिंकू सिंह के बीएसए के पद पर तैनात करने के प्रस्ताव पर विभाग में उच्च स्तर पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में उनकी नियुक्ति वाले विभाग में बदला भी जा सकता है. बता दें कि रिंकू सिंह समेत सात खिलाड़ियों की भी राजपत्रित अधिकारी के पद पर नियुक्ति की गई है. उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022 के नियम-7 के तहत श्रेणी-2 के राजपत्रित अधिकारी के पद पर ये नियुक्ति की गई है. बुधवार को सरकार की और ये जानकारी दी गई थी. 

Featured Video Of The Day
Jagannath Rath Yatra: Mahakumbh की तरह जगन्नाथ यात्रा में भी सेवा के काम में जुटा Adani Group