'मानो मेरे पैरों का किराया वसूल रहे हैं...' एयरलाइन ने दिव्यांग एक्टिविस्ट से लिए व्हीलेचयर सर्विस के पैसे

राजन इसे बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए अब इस मामले को संबंधित अधिकारियों के सामने ले जाने की योजना बना रहे हैं. वहीं उनकी पत्नी मीनाक्षी राजन, जो एक अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले की तरफ ध्यान देने का आग्रह किया है.

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राजन, एयरलाइन के पैसे लेने की वजह से काफी  निराश थे.
नई दिल्ली:

दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता राजीव राजन उस समय दंग रह गए जब यूएस-बांग्ला एयरलाइंस ने उनसे चेन्नई हवाई अड्डे (Chennai Airport) पर व्हीलचेयर सेवा के लिए 2,500 रुपये का शुल्क वसूला. राजन, एयरलाइन के पैसे लेने की वजह से काफी  निराश थे. राजन ने ढाका के लिए उड़ान भरने के दौरान चेन्नई हवाई अड्डे पर व्हीलचेयर सहायता मांगी थी. लेकिन इसके लिए उनसे 2500 रूपये की रकम ले ली गई. हालांकि उनके विरोध करने के बाद, एयरलाइंस पैसे वापस करने के लिए सहमत हो गई.

राजन ने एनडीटीवी से कहा, "यह शुल्क असल में मेरे पैरों के लिए चार्ज करने जैसा है. यह गलत है और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का उल्लंघन है." "असल में यह बात सिर्फ पैसे (Paise) के बारे में नहीं है. यह इस बारे में है कि आप दिव्यांग व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार करते हैं." राजन इसे बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए अब इस मामले को संबंधित अधिकारियों के सामने ले जाने की योजना बना रहे हैं. वहीं उनकी पत्नी मीनाक्षी राजन, जो एक अधिकार कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले की तरफ ध्यान देने का आग्रह किया है.

सोशल मीडिया (Social Media) पर उन्होंने ट्वीट किया, "हम फिर से शुरू नहीं कर सकते. यह मुद्दा - एयरलाइंस जमीनी सेवाओं के लिए भी अतिरिक्त शुल्क ले रही है और क्षतिपूर्ति शुल्क भी ले रही है (हमने सोचा था कि 2007 में सुलझा लिया गया था).  यूएस बांग्ला एयरलाइंस के चेन्नई कार्यालय के एक अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि राजन से ₹ 2,500 का शुल्क लिया गया था. अधिकारी ने कहा, "हम एक अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन हैं. हम स्थानीय एयरलाइन को जो भुगतान करते हैं ये शुल्क उसी का हिस्सा है. यह हमारे लिए किसी राजस्व का स्रोत नहीं है.

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व्हीलचेयर सेवाओं के लिए हम 35 अमरीकी डालर का भुगतान करते हैं." नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में एयरलाइंस और हवाई अड्डों के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किए थे इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हवाईअड्डा संचालकों को ऐले लोगों के के लिए "विशेष व्यवस्था" करनी चाहिए. दिशानिर्देशों में ये भी कहा गया है कि यदि दिव्यांग यात्री निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले एयरलाइ को अपनी आवश्यकताओं के बारे में सूचित करते हैं, तो एयर कैरियर को आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए.

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