महाराष्‍ट्र में सत्‍तारूढ़ गठबंधन में दूरियां! 'सामना' की टिप्‍पणी के बाद कांग्रेस-शिवसेना का आमना-सामना..

शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने संपादकीय के ज़रिए कांग्रेस पर हमला बोला तो कांग्रेस भी इसका जवाब देने से नहीं चूकी.

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मुखपत्र 'सामना' के ज़रिये शिवसेना ने राज्य में सहयोगी कांग्रेस पर हमला बोला है (प्रतीकात्‍मक फोटो)
मुंंबई:

महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (Maha Vikas Aghadi) के नेताओं के बीच बयानबाज़ी थमने का नाम नहीं ले रही है. शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने संपादकीय के ज़रिए कांग्रेस पर हमला बोला तो कांग्रेस ने भी इसका जवाब दिया. सोमवार को मुखपत्र 'सामना' के ज़रिये शिवसेना ने राज्य में उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस (Congress) पर हमला बोला. कांग्रेस की ओर से अकेले चुनाव लड़ने के बयान पर जवाब देते हुए संपादकीय में कहा गया कि किसी पार्टी की ओर से अकेले चुनाव लड़ने की बात करने में कुछ भी गलत नहीं है, बस उन्हें अपने पैरों के नीचे की ज़मीन जांच लेना चाहिए. स्वबल पर चुनाव लड़ने की बात करने वालों को लोग जूते से मारेंगे. संपादकीय में यह बात ऐसे समय लिखी गई है जब इससे एक दिन पहले ही शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक का पत्र वायरल हुआ जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे की बीजेपी से नज़दीकियां बढ़ाने की बात कही थी. वैसे, संपादकीय के ज़रिए कांग्रेस को घेरने वाले संजय राउत (Sanjay Raut) का कहना है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है.

महाराष्ट्र सरकार में 'ऑल इज नॉट वेल', शिवसेना-बीजेपी में नए रिश्ते की सुगबुगाहट

शिवसेना की ओर से की गई टिप्‍पणी पर कांग्रेस की ओर से भी जवाब आ गया. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इसके जवाब में कहा कि राज्य में कांग्रेस पार्टी का कद बढ़ने के वजह से दूसरी पार्टी बौखला गई हैं. हालांकि इन्होंने इसके साथ ही दोहराया कि महाराष्ट्र की सरकार पूरे 5 साल चलेगी.नाना पटोले ने कहा, 'महाराष्ट्र में हमारा ग्राफ बढ़ता जा रहा है जिसके वजह से कई राजनैतिक पार्टियां डर रही हैं और बौखलाकर ऐसी बात कर रहीं है. मैं नहीं बताऊंगा कि यह पार्टियाँ कौन सी हैं.' इसके साथ उन्‍होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की सरकार को कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस की ओर उद्धव ठाकरे को पूरा समर्थन है.

मंगलवार को गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों की बैठक की मेज़बानी करेंगे शरद पवार

महा विकास आघाडी में शामिल तीनों पार्टी के नेता मीडिया के सामने यह ज़रूर कह रहे हैं कि सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन उद्धव ठाकरे और नरेंद्र मोदी के बीच हुए मुलाकात के बाद समीकरण बदले हुए नज़र आ रहे हैं. अचानक से शिवसेना और कांग्रेस आमने सामने नज़र आ रही है. उधर, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) मंगलवार को गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों की बैठक की मेज़बानी करेंगे. पवार की इस बैठक के घटनाक्रम पर भी सबकी नजर टिकी हुई है.

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