अक्‍टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.48% हुई, सितंबर में 4.35% थी

आरबीआई के अनुमानों के मुताबिक सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत के करीब रहेगी. इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

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खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में छह महीने के निचले स्तर 4.32 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान लगाया गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

अक्टूबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.48 प्रतिशत बढ़ गई है. सितंबर की बात करें तो महंगाई दर 4.35 प्रतिशत थी. शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों से खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी की जानकारी मिली है. बता दें कि हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में छह महीने के निचले स्तर 4.32 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान लगाया गया था. 8 से 9 नवंबर के बीच हुए इस सर्वेक्षण में 43 अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया था.

अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 4.48 प्रतिशत हो गई, जो लगातार चौथे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के कम्फर्ट जोन के भीतर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण, 'तेल और बिजली' श्रेणी में महंगाई महीने के दौरान 14.35 प्रतिशत पर बनी रही.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) खुदरा महंगाई दर या उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि की दर को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा ट्रैक करता है. अलग-अलग सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में फैक्ट्री आउटपुट बढ़कर 3.1 प्रतिशत हो गया है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 0.85 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 0.68 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने सीपीआई आधारित महंगाई दर को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत का विचलन हो सकता है.

आरबीआई के अनुमानों के मुताबिक सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत के करीब रहेगी. इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

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