सबसे पहले कहना चाहूंगी कि भारत की धरती पर आकर बहुत अच्छा लग रहा है. 14 दिन का टूर था पांच देश में हम लोग गए थे. जापान से हमारी शुरुआत हुई, कोरिया गए, इंडोनेशिया गए, मलेशिया गए, सिंगापुर गए. यह बहुत ही सफल रहा है.
हमने समाज के हर तबके से बातचीत की. हमने संयुक्त राष्ट्र संघ के जो अप्रैल 25 का स्टेटमेंट था उसे पढ़ा. कुछ वैसे भी देश थे जो इस्लामिक कंट्री के सदस्य थे. हमने उनसे निवेदन किया कि जिस तरह से पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. वह जन्म नहीं दे रहा है बल्कि पाल पोस भी रहा है. सबने हमारी बात सुनी.
हर देश में अच्छा रिस्पॉन्स रहा. हर एक देश में भारत के प्रति श्रद्धा और सम्मान का नजरिया है. हमने उनको कहा कि जो भी अंतरराष्ट्रीय फोरम में आप बैठते हैं तो भारत की के पक्ष को समझें.
हमने यह भी कहा कि हम शांति चाहते हैं. हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. यह बात ग्लोबल कैपिटल को बहुत आकर्षित करता है. हम चाहते हैं कि सारे देश हमारे दृष्टिकोण को समझे.
इस दौरे का एक वैरायटी भाव था कि पाकिस्तान जो गलत नॉरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहा है उसको विफल करें और इसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं.
देखिए कांग्रेस या विपक्षी दल जो इस पर राजनीति कर रहे थे. 59 लोग में 51 लोग विपक्ष के थे. उन्हीं के लोग एक स्वर में भारत की बात कर रहे थे. विपक्षी दल के लोग पहले अपनी सदस्यों की बात सुने. इनको ज़्यादा तवज्जो नहीं देनी है.