गणतंत्र के स्पेशल 26: कर्तव्य पथ पर दिखेगा नारी शक्ति का दम, एक साथ कदम ताल करेगा तीनों सेनाओं का दस्ता

 महिलाओं के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में 2022 से हर साल 20 सीट रिजर्व रखी गई है. 2025 से एनडीए में उनका पहला बैच (Gantantra Ke Special 26) निकलना शुरू हो जाएगा. उसके बाद महिलाएं जंग के मैदान में तोप चलाकर दुश्मनों को माकूल जवाब भी दे सकेंगी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर दिखेगा महिला जवानों का दम. (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस की परेड (Republic Day) में सेना की नारी शक्ति भी कर्तव्य पथ पर अपना दम दिखाने के लिए तैयार है. कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति सबके साथ कदम से कदम मिलाती हुई नजर आएगी. पहली बार तीनों सेनाओं की महिला सैनिकों का साझा दस्ता उतर रहा है. इस दस्ते में  144 महिलाएं शामिल होंगी, जिनमें थल सेना की 60 और बाकी महिला सैनिक वायु सेना और नौसेना की होंगी. बता दें कि नौसेना के दस्ते में सिर्फ महिला अग्निवीर रहेंगी. यह परेड इस बात का प्रतीक है कि किस तरह भारतीय महिलाएं वे तमाम  किले तोड़ रही हैं, जो पहले सिर्फ पुरुषों के माने जाते थे.

ये भी पढ़ें-जब 2019 बालाकोट स्ट्राइक के बाद आया था इमरान खान का फोन, भारत ने कहा- "PM मोदी से नहीं हो सकती बात"

अब महिलाओं के हाथ में सेना की कमान

बता दें कि नौसेना में पहली बार फास्ट अटैक क्राफ्ट की कमान एक महिला को मिली है. अब महिलाओं के लिए पनडुब्बी के दरवाजे भी खुल गए हैं. वायु सेवा में मिसाइल यूनिट की कमान भी महिलाओं को मिल चुकी है. थल सेना की कमान तो करीब 100 महिलाओं के पास है.

Advertisement

बता दें कि सेना में महिलाओं की भर्ती 1993 से शुरू हुई थी. थल सेना में करीब 1800 महिला अधिकारी हैं, तो वायुसेना में 1600 वहीं नौसेना में करीब 600 महिला अधिकारी हैं. पिछले साल से सेवा में महिला अग्निवीरों की भर्ती शुरू हुई थी. तब से अब आर्म्ड फोर्सेज में महिलाओं के तादाद बढ़ने लगी है. वायु सेवा में महिलाएं रफाल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं.  हेलीकॉप्टर उड़ाने में भी महिलाएं पीछे नहीं हैं. वहीं थल सेना में महिलाएं चीन से लेकर पाकिस्तान सीमा तक पर तैनात हैं.

Advertisement

जंग के मैदान में तोप चलाने को तैयार महिलाएं

 महिलाओं के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में 2022 से हर साल 20 सीट रिजर्व रखी गई है. 2025 से एनडीए में उनका पहला बैच निकलना शुरू हो जाएगा. उसके बाद महिलाएं जंग के मैदान में तोप चला कर दुश्मनों को माकूल जवाब भी दे सकेंगी. दुनिया के सबसे ऊंचे जंग के मैदान सियाचिन में कैप्टन फातिमा वसीम को ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली बार तैनाती दी गई है. अगर मेडिकल और नर्सिंग को छोड़ दिया जाए तो तीनों सेनाओं में महिलाओं की तादाद करीब 4,448 है. थल सेना में 3.8 फीसदी , नेवी में 6.5 और वायुसेना में 13 फीसदी महिलाएं हैं. वहीं दुनियाभर में सेनाओं में महिलाओं का औसत प्रतिशत चार से 16 फीसदी है.

सेना में शामिल ये महिलाएं नए बनते भारत का सबसे मानवीय और भरोसेमंद चेहरा हैं. बराबरी के हर मोर्चे पर वह मौजूद हैं. यहां तक पहुंचने से पहले भी उन्होंने कई युद्ध लड़े हैं. घर परिवार और समाज के दबाव से लड़कर और पुरानी सोच और पुरानी मान्यताओं से और अपने भीतर के डर से जंग लड़कर वह यहां तक पहुंची हैं. अब वह भारतीय सेना की बड़ी ताकत हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें-अलास्का एयरलाइंस के प्लेन का दरवाजा हवा में उड़ने की घटना के बाद जेट में मिली ये बड़ी खामी

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi in Kuwait: कुवैत में Maha Kumbh के दूत बन गए पीएम मोदी | NDTV India
Topics mentioned in this article