बम की धमकी, VPN और जेल! जानिए कैसे महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने स्कूलों को भेजी बम की धमकी

पुलिस के अनुसार, रेने ने तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग करते हुए VPN और “गेट कोड” ऐप के जरिए वर्चुअल मोबाइल नंबर बनाए, जिससे उसने कई व्हाट्सऐप अकाउंट्स तैयार किए और अपनी डिजिटल पहचान छिपाई.

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  • बेंगलुरु में स्कूलों को भेजी गई बम धमकी की झूठी ईमेल्स की जांच में जेल में बंद महिला इंजीनियर संदिग्ध मिली
  • महिला ने VPN और गेट कोड ऐप का उपयोग कर वर्चुअल मोबाइल नंबर और कई व्हाट्सऐप अकाउंट्स बनाए थे
  • आरोपी ने बेंगलुरु, मैसूरु, चेन्नई और गुजरात के कई संस्थानों को फर्जी बम धमकियां भेजने की बात स्वीकार की
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बेंगलुरु:

बेंगलुरु में स्कूलों को भेजी गई बम धमकी की झूठी ईमेल्स के मामले में पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस साइबर क्राइम की मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि गुजरात की अहमदाबाद सेंट्रल जेल में पहले से ही सजा काट रही एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. जांच की शुरुआत 14 जून की रात हुई, जब बेंगलुरु के एक पब्लिक स्कूल को बम की धमकी भरा ईमेल मिला. स्कूल प्रशासन ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जैसे-जैसे शहर के अन्य स्कूलों में भी इसी तरह की फर्जी धमकियां सामने आने लगीं, पुलिस कमिश्नर ने नॉर्थ डिवीजन साइबर क्राइम यूनिट को सभी मामलों की जांच सौंप दी.

जांच के दौरान पुलिस की नजर एक अप्रत्याशित संदिग्ध पर गई रेने जोशिल्डा, जो अहमदाबाद की जेल में बंद एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. उसे 28 अक्टूबर को बॉडी वारंट पर बेंगलुरु लाया गया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने न केवल बेंगलुरु बल्कि मैसूरु, चेन्नई और गुजरात के कई संस्थानों को भी बम की झूठी धमकियां भेजी थीं.

पुलिस के अनुसार, रेने ने तकनीकी जानकारी का दुरुपयोग करते हुए VPN और “गेट कोड” ऐप के जरिए वर्चुअल मोबाइल नंबर बनाए, जिससे उसने कई व्हाट्सऐप अकाउंट्स तैयार किए और अपनी डिजिटल पहचान छिपाई. उसका मकसद ट्रैकिंग से बचना और दहशत फैलाना था.

पूछताछ के बाद 31 अक्टूबर को उसे फिर से अहमदाबाद सेंट्रल जेल भेज दिया गया, जहां वह अब भी हिरासत में है. पुलिस अधिकारियों का कहना  है कि इस गिरफ्तारी से कई राज्यों में फैली फर्जी धमकियों के एक संगठित पैटर्न का खुलासा हुआ है. अब जांच इस दिशा में बढ़ रही है कि क्या इस साइबर साजिश में और लोग भी शामिल थे.

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