बकरीद पर लॉकडाउन में छूट का मामले में केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया. केरल सरकार ने कहा कि प्रतिबंध और आर्थिक मंदी लोगों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है. बकरीद को लॉकडाउन में रियायतें देने के संबंध में मुख्य सचिव वीपी जॉय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में स्पष्ट किया गया था कि लॉकडाउन को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जा सकता है.
साथ ही कहा गया है कि तीन महीने से लगी पाबंदियों से लोग परेशान हैं. विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखते हुए छूट दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में मुख्य सचिव ने कहा कि आईएमए ने कहा था कि सख्त नियमों के कारण बीमारी का प्रसार कम नहीं होगा. राज्य सरकार ने कहा है कि बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय किए जा रहे हैं. इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होनी है.
बता दें, बकरीद के त्योहार को देखते हुए केरल सरकार लॉकडाउन की बंदिशों में ढील देने का फैसला किया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. कोर्ट ने नोटिस जारी कर केरल सरकार से जवाब मांगा था. पीकेडी नांबियार की जनहित याचिका में कहा गया है कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है.
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याचिका में कहा गया था कि केरल में तीन दिनों -18,19 और 20 जुलाई के लिए लॉकडाउन के नियमों में ढील देना राजनीतिक और सांप्रदायिक विचार है. साथ ही कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी कांवड़ यात्रा पर कड़ा रुख अपनाया है. इसके चलते कांवड़ यात्रा को अब रद्द कर दिया गया है. लेकिन केरल में COVID मामलों की संख्या अधिक है. लिहाजा तीन दिन की छूट देने के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए.
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