कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संसद में 2021-22 की आर्थिक समीक्षा पेश होने के बाद सोमवार को कहा कि सरकार को पिछले दो साल की स्थिति के लिए पश्चाताप करना चाहिए और अपना रवैया बदलना चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘आर्थिक समीक्षा में वही पुरानी बात दोहराई गई है कि 2021-22 के आखिर में अर्थव्यवस्था सुधार के साथ महामारी के पूर्व (2019-20) के स्तर पर पहुंच जाएगी. दो वर्षों में करोड़ों नौकरियां चली गईं, 84 प्रतिशत परिवारों की आय घट गई, 4.6 करोड़ लोग गरीबी की गिरफ्त में चले गए और भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 116 देशों में 104 स्थान पर है.''
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह पश्चाताप और रवैया में बदलाव का समय है, ढीगें हांकने और यथावत बने रहने का समय नहीं है.''
भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में यह अनुमान लगाया गया है.
Economic Survey : आर्थिक सर्वे पेश, 2022-23 में GDP ग्रोथ 8-8.5% रहने का अनुमान
समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मानसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे.
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