प्रियंका गांधी ने ‘रैट माइनर्स’ का हवाला देते हुए कहा: इसी मोहब्बत से बना है अपना देश

प्रियंका गांधी ने कुछ रैट माइनर्स की तस्वीरें साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर भाइयों को बाहर निकालने की कोशिश में जब-जब बड़ी-बड़ी ऑगर मशीनें निष्फल हो गयीं तो हाथों-हाथ खुदाई की एक देसी तकनीक को अमल में लाना पड़ा, जिसे ‘रैट होल माइनिंग’ कहा जाता है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ ‘रैट माइनर्स' का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसी मोहब्बत से अपना देश बना है.

उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग में फंस गए 41 मजदूरों को बचाने का अभियान मंगलवार रात सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और मजदूर अंदर फंस गए थे.

प्रियंका गांधी ने कुछ रैट माइनर्स की तस्वीरें साझा करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूर भाइयों को बाहर निकालने की कोशिश में जब-जब बड़ी-बड़ी ऑगर मशीनें निष्फल हो गयीं तो हाथों-हाथ खुदाई की एक देसी तकनीक को अमल में लाना पड़ा, जिसे ‘रैट होल माइनिंग' कहा जाता है. कुल जमा 12 रैट होल माइनर्स साथियों ने जान पर खेलकर महज 24 घंटे की मेहनत में रेस्क्यू ऑपेरशन को पूरा कर दिया.''

उनका कहना था, ‘‘उनमें से एक साथी मोहम्मद इरशाद ने सबके लिये दुआ की है कि देश में प्यार बचा रहे और इंसान को इंसान की तरह प्रेम किया जाय. दूसरे रैट होल माइनर नासिर हुसैन ने जब ध्वस्त सुरंग को चीरकर उस पार फंसे मजदूरों में से पहले को देखा तो उसके पास पहुंच कर फौरन उसे गले लगा लिया.'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यही प्यार है. इसी मोहब्बत से बना है अपना देश. जय हिंद.''c

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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