विधानसभा चुनावों से पहले गैस सिलेंडर के दाम में कमी, केंद्रीय कैबिनेट की तेलंगाना के लिए नए प्रस्तावों को मंजूरी

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले महबूबनगर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए पिछले रविवार को ही प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय सेटअप करने और राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की घोषणा की थी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में देश की करोड़ों उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को मिलने वाली एलपीजी सब्सिडी को बढ़ाने का फैसला लिया गया. साथ ही कैबिनेट ने तेलंगाना के किसानों और राज्य में शिक्षा के विस्तार के लिए भी कई अहम फैसले लिए.

अब उज्ज्वला योजना के करोड़ों लाभार्थियों को हर एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये की जगह 300 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. करीब एक महीने पहले ही 29 अगस्त को कैबिनेट ने सभी उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत को 200 रुपये घटाने का फैसला किया था.

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ लाभार्थियों को कैबिनेट के फैसले के बाद अब 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी मिलेगी. इससे 9.6 करोड़ परिवारों को मदद मिलेगी."

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले महबूबनगर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए पिछले रविवार को ही प्रधानमंत्री ने तेलंगाना में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय सेटअप करने और राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की घोषणा की थी. बुधवार को कैबिनेट ने इन दोनों प्रस्तावों को भी मंज़ूरी दे दी.

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, "पिछले 20 साल से किसानों की मांग थी कि एक राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का गठन बेहद ज़रूरी है. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर फोकस करेगा. भारत से हल्दी का निर्यात 2030 तक बढ़कर 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है."

केंद्रीय कैबिनेट ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच कृष्णा नदी के पानी के उपयोग, वितरण या नियंत्रण को लेकर जारी विवाद सुलझाने के लिए गठित मौजूदा कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण- II (Krishna Water Disputes Tribunal-II) की आगे की संदर्भ शर्तों को भी मंजूरी दे दी. कृष्णा नदी के पानी के उपयोग, वितरण या नियंत्रण पर विवाद के समाधान से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों को लाभ मिलेगा.

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले लिए गए ये फैसले बताते हैं कि अगले कुछ महीने सरकार इलेक्शन मोड में रहने वाली है और इन राज्यों में आचार संहिता लागू होने से पहले माहौल बेहतर बनाने की कोशिशें तेज़ हो सकती हैं.

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