सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 में लाल किले पर हुए हमले के दोषी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने आरिफ की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ही दिल्ली के लालकिले पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में फैसला सुनाते हुए तीस हजारी अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए अशफाक को फांसी की सज़ा सुनाई थी.
हमला सितंबर में हुआ था, जिसमें दो जवानों के साथ एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. इस हमले में एक आतंकवादी भी मारा गया था. मामले में दिल्ली पुलिस ने 21 लोगों को आरोपी बनाया था. साल 2005 में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सात आरोपियों को दोषी करार दिया था और छह को बरी कर दिया था. हमले के मुख्य आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अशफाक को फांसी की सजा दी गई थी.
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