जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही है. देश के कई हिस्सों में औसत से अधिक तापमान और लू के हालात की वजह से बुधवार को देश में बिजली की अधिकतम (पीक) मांग 221.07 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पहुंच गई. देश के कुछ राज्यों में बिजली की कटौती की भी खबर है.
नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक एक मई से 17 मई के बीच बिजली की मांग करीब 39 फीसदी तक बढ़ गई. एक मई को बिजली की अधिकतम (पीक) मांग 159.72 GW के स्तर पर थी. गर्मी बढ़ने से 17 मई को बिजली की अधिकतम (पीक) मांग बढ़कर 221.07 GW के रिकॉर्ड स्तर पर पर पहुंच गई. यानी पिछले 17 दिनों में देश में बिजली की अधिकतम (पीक) मांग 38.41% तक बढ़ गई.
कई राज्य बिजली की मांग में आई तेजी से जूझ रहे हैं. गुरुवार को तटीय आंध्र प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में हीट वेव के हालात रहे.
ऊर्जा मंत्रालय की REC लिमिटेड के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन कहते हैं - गर्मी के सीजन में पीक पावर की डिमांड को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त इंस्टॉल्ड कैपेसिटी तैयार है.
विवेक देवांगन ने एनडीटीवी से कहा, "इस साल पीक पावर की जो डिमांड है वह 230 गीगावॉट (GW) तक जा सकती है. कोरोना संकट के बाद आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं इसलिए पावर की डिमांड भी बढ़ रही. पावर जनरेशन सेक्टर में जो फाइनेंसिंग की रिक्वायरमेंट है उसे पूरा करने के लिए हम पूरी तरह से तत्पर हैं. सरकार ने योजना तैयार की है...जैसे-जैसे पावर की डिमांड बढ़ेगी, पावर जनरेशन भी बढ़ाया जाएगा. पावर जनरेशन सेक्टर में जो फाइनेंसिंग की रिक्वायरमेंट है REC लिमिटेड उसे पूरा करने के लिए तैयार है."
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन में दक्षिणी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश के लिए लू चलने (Heat Wave) की चेतावनी जारी की है. जाहिर है देश में गर्मी बढ़ने से आने वाले दिनों में बिजली की मांग और बढ़ सकती है और इसके इसके साथ ही इससे निपटने की चुनौती भी.