ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को मुंबई में मातोश्री पहुंचकर शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इस दौरान उद्धव ठाकरे और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे ने अपने घर में पूजा कराई और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का आशीर्वाद लिया.
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि "हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं. हम पुण्य और पाप में विश्वास करते हैं. विश्वासघात को सबसे बड़े पापों में से एक माना जाता है, वही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है. उन्होंने मुझे बुलाया, मैं आया. उन्होंने हमारा स्वागत किया. हमने कहा कि हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है और हमारा दुख तब तक नहीं जाएगा, जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते.''
उन्होंने साथ ही कहा, "हमारा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन हम विश्वासघात के बारे में बात कर रहे हैं जो धर्म के अनुसार पाप है."
हम नरेंद्र मोदी के हितैषी- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
अनंत अंबानी की शादी में पीएम मोदी से मुलाकात पर शंकराचार्य ने कहा, "हां वो मेरे पास आए थे. मुझे प्रणाम किया, हमारा नियम है कि जो भी हमारे पास आता है हम उसे आशीर्वाद देते हैं. वो हमारे दुश्मन नहीं हैं. हम उनके हितैषी हैं. सदा उनके हित की बात करते हैं और जब उनसे कोई गलती हो जाती है तो हम वो भी उन्हें कहते हैं."
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर नहीं बनाया जा सकता- शंकराचार्य
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में 'श्री केदारनाथ धाम' के नाम से मंदिर की आधारशिला रखने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा, "जब केदारनाथ का पता हिमालय है तो कैसे यह दिल्ली में हो सकता है? आप लोगों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं? दिल्ली में केदारनाथ मंदिर नहीं बनाया जा सकता. बारह ज्योतिर्लिंगों का स्थान तय किया गया है. क्यों जनता को भ्रम में डालना चाहते हो? भगवान के हजार नाम हैं, किसी भी नाम से स्थापना करके पूजा करिए, लेकिन केदारनाथ धाम दिल्ली में बनेगा, ये नहीं होने देंगे. केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब कर दिया गया, इसकी किसी को चिंता नहीं है. इसकी जांच क्यों नहीं होती है."
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस साल जनवरी में अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने से इनकार कर दिया था.