कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली. भाजपा ज्वाइन करने पर उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है. मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और गृहमंत्री अमित शाह जी के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए तत्पर हूं.'
आज ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है, उन्होंने इस्तीफा देते हुए लिखा था, 'आज जब पूरा राष्ट्र गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं.' आरपीएन सिंह ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आरपीएन सिंह का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. पूर्वी यूपी के कुशीनगर से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह राज्य में कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक थे और सोमवार को जारी की गई पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम था. बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें उनके गढ़ पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है, जहां से सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को उतारा है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने हालही योगी कैबिनेट छोड़कर सपा का दामन थामा है.
आरपीएन सिंह पडरौना सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. वह साल 2009 में कुशीनगर से सांसद चुने गए लेकिन 2014 में हार गए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में पडरौना सीट से जीत हासिल की है, पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पार्टी से और दूसरी बार भाजपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था. 2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को हराया था.
'नया अध्याय शुरू कर रहा हूं' : RPN सिंह ने छोड़ी कांग्रेस, सोनिया गांधी को भेजा इस्तीफा
इससे पहले उन्होंने अपने टि्वटर बायो से कांग्रेस का नाम हटा दिया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह झारखंड कांग्रेस प्रभारी थे. अब उनका टि्वटर बायो 'My motto India, First, Always' है.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपने सहयोगियों को उत्तर प्रदेश चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे.
पिछले साल जितिन प्रसाद के बाद कांग्रेस को यह दूसरा बड़ा झटका है. जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी, जिसके बाद उन्हें योगी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था.