रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है. इसे विशेषज्ञों ने बाजारों के लिए दोहरा झटका बताया है. विशेषज्ञों ने केंद्रीय बैंक की ओर से आगे और कड़े कदम उठाने की संभावना जताई है. आरबीआई ने महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है. सीआरआर 0.50% बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत किया गया है. इससे बैंकों के पास 87,000 करोड़ रुपये की नकदी घटेगी. विशेषज्ञों ने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी रेपो दर में एक बार फिर 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है.आईएफए ग्लोबल के सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के दोहरे झटके के कारण बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई.
EMI हो सकती है महंगी, RBI ने रेपो रेट में की बढ़ोतरी, शेयर बाज़ार धड़ाम
हाउसिंग डॉट कॉम के ग्रुप सीएफओ विकास वधावन ने कहा कि महंगाई को नियंत्रित करने और विकासोन्मुखी उद्देश्यों के लिए यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. रियल एस्टेट सेक्टर पहले ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहा था. हालांकि इससे मकानों की कीमत बढ़ने के साथ निर्माण लागत भी बढ़ेगी,जिसका असर बाजार पर भी देखने को मिला है. क्रेडाई अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा कि मुद्रास्फीति कच्चे तेल के ऊंचे दामों के बीच अब तक के सर्वोच्च स्तर को छूने लगी थी. ऐसे में यह ब्याज दरों की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इससे लाखों की संख्या में घर खरीदारों और ईएमआई चुका रहे लोगों पर असर पड़ेगा.
पहली बार मकान खरीदने जा रहे लोगों को झटका लगेगा.ब्रिटिश ब्रोकरेज बार्कलेज के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जून की शुरुआत में होने वाली अगली बैठक में आरबीआई रेपो दर में कम से कम 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा और जब यह 5.15 प्रतिशत को छू जाएगी उसके बाद ही केंद्रीय बैंक कुछ राहत लेगा.
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हाजरा ने कहा कि उन्हें मुद्रा बाजार की दरों में तत्काल वृद्धि और इसका कुछ ट्रांसमिशन लंबे समय के बांड बाजार में होने की उम्मीद है. छोटी अवधि में इस कदम का शेयर बाजारों पर नकरात्मक असर रहने की संभावना है.