जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का रिजर्व बैंक का अनुमान 'बहुत आशावादी' है और अक्टूबर से ब्याज दर में कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है. नोमुरा ने अपनी एक रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति संबंधी रिजर्व बैंक के पूर्वानुमान से सहमति जताते हुए कहा कि सकल मुद्रास्फीति का सबसे बुरा दौर अब पीछे छूट चुका है.
हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने कहा, 'वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का रिजर्व बैंक का संशोधित पूर्वानुमान बहुत आशावादी नजर आता है.' उसने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर के घटकर 5.3 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है. नोमुरा ने आरबीआई के वृद्धि पूर्वानुमान में एक प्रतिशत से ज्यादा की कमी आने की आशंका जताते हुए कमजोर वैश्विक वृद्धि, अनिश्चितता बढ़ने और घरेलू मौद्रिक नीति में सख्ती के प्रभावों को इसके लिए जिम्मेदार बताया है.
आरबीआई ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के बाद कहा कि चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल के औसत स्तर पर रहने की स्थिति में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है. नोमुरा ने कहा कि आरबीआई जून की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी दर वृद्धि पर रोक जारी रख सकता है. हालांकि ब्रोकरेज कंपनी ने जून के बाद मुद्रास्फीति के लक्ष्य से थोड़ा पीछे रहने और वृद्धि पर उसका असर पड़ने की आशंका भी जताई है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अक्टूबर से ब्याज दर में कटौती का सिलसिला शुरू हो सकता है.
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