दशहरा के दिन खिली धूप के बाद दिल्ली हो या पटना, हजारों की भीड़ रामलीला मैदानों पर रावण दहन देखने को उमड़ी थी. लेकिन बेमौसम बारिश ने धू-धू कर रावण का पुतला जलते देखने की उनकी ख्वाहिशों पर पानी फेर दिया. लेकिन परिवार समेत रावण को जलता देखने पहुंचे लोगों का जोश ठंडा नहीं हुआ, वो छाता, रेनकोट या पॉलीथिन ओढ़कर रावण को जलता देखने के लिए इंतजार करते रहे. दिल्ली के परेड ग्राउंड में आयोजित रामलीला में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने रावण दहन किया. इस दौरान 50 फीट ऊंचे रावण और 45-45 फीट ऊंचे मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए.
दशहरा मेले में रावण का सिर लटका
बिहार में पटना के गांधी मैदान में दशहरा मेले के दौरान रावण दहन से पहले रावण का पुतले का सिर टूटकर लटक गया. तेज बारिश और तूफानी हवाओं से पुतला टूट गया. उस वक्त रामलीला मैदान में हजारों की भीड़ रावण दहन देखने पहुंची थी. भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच पटना की सबसे बड़ी पूजा समिति गांधी मैदान दुर्गा पूजा एवं दशहरा समिति की तैयारियों में खलल पड़ा. बारिश के बावजूद दर्शक छाता और रेनकोट पहनकर भी रावण दहन देखने को डटे रहे.
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पटना में बोरिंग रोड, कंकड़बाग, अशोक नगर, कदमकुआं में भी पूजा पंडालों और रामलीला मैदान में बारिश के बीच भारी भीड़ उमड़ी. पटना शहर में तेज हवा में रावण पुतले का सिर टूटने के बाद आयोजकों ने घोषणा की कि बारिश थमते ही फिर रावण दहन होगा. लोग बारिश और कीचड़ के बीच सेल्फी लेते रहे.
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बारिश से रावण के पुतले भीग गए
दिल्ली में बारिश के कारण दशहरा उत्सव में खलल पड़ा. बारिश से रावण के पुतले भीग गए और रामलीला से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम भी रद्द हो गए. पीएम मोदी को इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी के रावण दहन में शामिल होना था. अचानक भारी बारिश से अमित शाह का पीतमपुरा में कार्यक्रम रद्द हो गया.
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इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी के आयोजकों का कहना था कि रामलीला मैदान में पानी भर गया था. भारी बारिश से अमित शाह पीतमपुरा के नेताजी सुभाष प्लेस स्थित डीडीए ग्राउंड में केशव रामलीला समिति के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके.
दिल्ली में बारिश का दौर
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली में लाल किला से लेकर पीतमपुर, आनंद विहार, मयूर विहार, उत्तम नगर जैसे ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हुई. पूर्वी दिल्ली की हनुमंत धार्मिक रामलीला में पुतले का एक बड़ा हिस्सा भीग गया, लेकिन बाकी हिस्से को हमने प्लास्टिक की चादरों से ढककर किसी तरह बचा लिया.
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आदर्श रामलीला कमेटी ने प्लास्टिक से ढंका रावण
दिल्ली अशोक विहार की आदर्श रामलीला कमेटी में भारी बारिश के कारण रावण के पुतले को बचाने में मेहनत करनी पड़ी. इसे प्लास्टिक से ढकना पड़ा लेकिन ज्यादातर हिस्सा भीग गया. पुतले पर पेट्रोल और डीजल डालकर उसे जलाने की कोशिश की गई लेकिन इसमें आग नहीं लग रही थी.
Ramleela
रावण के पुतले के नीचे छिपे लोग
पीतमपुरा के आर्यन हेरिटेज फाउंडेशन की रामलीला में पुतले का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा भीग गया था क्योंकि हमने बाकी हिस्से को प्लास्टिक से ढंक दिया था. दिल्ली लालकिला रामलीला मैदान में तो बारिश के बीच खुद को बचाने के लिए लोग रावण के पुतले के नीचे ही छिप गए.
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बंगाल में सिंदूर खेला का उत्सव
बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव के समापन पर बारिश के बीच 'घोट विसर्जन' (प्रतीकात्मक विसर्जन) और सिंदूर खेला जैसे पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ मनाया गया. कोलकाता में लाल किनारी वाली साड़ियों में महिलाओं ने बागबाजार और कुमारटुली सर्बोजोनिन की सामुदायिक पूजा में 'सिंदूर खेला' में भाग लिया. ब्रह्मपुर के शोभाबाजार राजबाड़ी और कासिमबाजार राजबाड़ी शामिल थे. बेलूर मठ में भी पारंपरिक अनुष्ठान किए गए.
Sindoor Khela
श्रीनगर के इंदिरा नगर स्थित में एक मंदिर से दशहरा स्थल तक एक शोभायात्रा निकाली गई. यह यात्रा 33 वर्षों के अंतराल के बाद 2023 में फिर से शुरू हुई थी. कर्नाटक के मैसुरु शहर में 11 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा उत्सव का विजयादशमी के भव्य शोभायात्रा के साथ समापन हो गया.
नाडा हब्बा यानी कर्नाटक में राज्य उत्सव मैसुरु दशहरा या शरणा नवरात्रि भी धूमधाम से मना. हजारों लोग जंबू सवारी देखने उमड़े. अभिमन्यु नाम के हाथी की अगुवाई में एक दर्जन सजे-धजे हाथियों की शोभायात्रा निकली. अभिमन्यु की पीठ पर मैसुरु और यहां के राजपरिवार की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी का विग्रह 750 किलो के स्वर्णिम हौदा या अंबरी में स्थापित किया गया.
उत्तर प्रदेश में हालांकि नोएडा गाजियाबाद में को छोड़कर कहीं बारिश देखने को नहीं मिली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ महायोगी गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा की.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर के रथ मैदान में सप्ताह भर चलने वाला कुल्लू दशहरा उत्सव शुरू हो गया है. यह दशहरा तब शुरू होता है, जब भारत में दशहरा समाप्त होता है और इसमें आसपास के गांवों से देवी-देवताओं की भव्य शोभायात्रा और समागम होता है. इसकी शुरुआत कुल्लू घाटी के देवता भगवान रघुनाथ के आगमन से होती है.