एक्ट्रेस रान्या राव ने यू-ट्यूब से सीखे थे कपड़ों में सोना छिपाने के गुर, अदालत के सामने आई पूरी कहानी

Ranya Rao Kannad Actress Story: DRI अधिकारियों ने दावा किया, "रान्या राव ने कभी भी यह घोषित करने का इरादा नहीं रखा था कि वह क्या लेकर जा रही थीं. वह सीधे ग्रीन चैनल पार कर गईं, यानी वह जानती थीं कि उन्हें पकड़ने की संभावना कम है, लेकिन हमारी टीम सतर्क थी."

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Ranya Rao Kannad Actress Story: यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं! मशहूर कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव ने दुबई से सोना तस्करी करने के लिए एक बेहद शातिर योजना बनाई थी. उनके जमानत याचिका पर बहस के दौरान DRI  ने आपत्ति जताते हुए बताया कि दस्तावेज़ में खुलासा हुआ है कि उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देखकर सोने को कपड़ों में छिपाने के तरीके सीखे थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, और अब वह कानून के शिकंजे में हैं.

बेंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी

3 मार्च की रात, बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हलचल तेज़ थी. हर कोई अपनी उड़ान और गंतव्य में व्यस्त था, लेकिन अधिकारियों की नजरें एक खास यात्री पर थी—रान्या राव, एक 34 साल की महिला, जिसने 2014 में फिल्म 'मानिक्या' से कन्नड़ सिनेमा में कदम रखा था.

अधिकारियों को संदेह था कि यह कोई सामान्य यात्रा नहीं थी और जब उनकी तलाशी ली गई तो 14 किलो 24 कैरेट शुद्ध सोना उनके कपड़ों में छुपा मिला. यह कोई साधारण सोना नहीं था, बल्कि बड़े सुनियोजित तरीके से टुकड़ों में काटकर, शरीर से चिपकाकर और जूतों के अंदर छुपाकर लाया गया था. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि रान्या किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा हो सकती हैं.

दुबई में रहस्यमयी मुलाकात

रान्या ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्हें इंटरनेट कॉल के जरिए निर्देश मिले थे.  इस तरह के कॉल पिछले कुछ दिनों से उसे लगातार आ रहे थे. उन्हें दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 के गेट A पर जाकर सोना उठाना था.

एयरपोर्ट के डाइनिंग लाउंज में, वह एक सफेद गाउन पहने हुए रहस्यमयी व्यक्ति से मिलीं. उन्होंने बताया कि वह व्यक्ति छह फुट लंबा, गेहुंआ रंग और हल्की अफ्रीकी अमेरिकी लहजे वाली अंग्रेज़ी बोल रहा था. वह उन्हें एक कोने में ले गया और दो पैकेट सौंपे, जिनमें सोने की छड़ें एक मोटे तिरपाल जैसे प्लास्टिक में लिपटी हुई थीं.

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पूरी तैयारी थी!

यह सब अचानक नहीं हुआ था. रान्या ने पहले ही पूरी योजना बना ली थी. वह जानती थीं कि एयरपोर्ट पर कैंची नहीं मिलेगी, इसलिए पहले से ही आधे मील दूर एक स्टेशनरी की दुकान से चिपकाने वाला टेप खरीद लिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने टेप के छोटे-छोटे टुकड़े पहले से ही काटकर अपने बैग में रख लिए थे.

डाइनिंग लाउंज में सोना मिलने के बाद वह सीधा वॉशरूम गईं. वहां उन्होंने पैकेट खोला, अंदर 12 सोने की छड़ें और कुछ कटे हुए टुकड़े थे. अब बारी थी इसे छुपाने की. उन्होंने यूट्यूब पर पहले से देखी हुई तरकीबों को अपनाया. सोने की छड़ों को अपनी पिंडलियों और कमर पर चिपका लिया, और छोटे टुकड़ों को जूतों और जेबों में डाल लिया.

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बेंगलुरु पहुंचने के बाद पकड़ी गईं

3 मार्च को रान्या एमिरेट्स की फ्लाइट से बेंगलुरु पहुंचीं. एयरपोर्ट पर वह एक भ्रष्ट अधिकारी की मदद से सुरक्षा जांच पार करने में कामयाब रहीं, लेकिन उनकी किस्मत ने यहीं उनका साथ छोड़ दिया. डायरेक्टरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के अधिकारियों को उनकी लगातार विदेश यात्राओं पर संदेह हो गया था. पिछले छह महीनों में वह 27 बार दुबई गईं थीं, और इन 27 में से चार यात्राएं सिर्फ 15 दिनों के अंदर हुईं थीं. एयरपोर्ट के अंदर  ही उन्हें अधिकारियों ने घेर लिया और तलाशी ली. जैसे ही सोने की छड़ें उनके कपड़ों से बरामद हुईं, रान्या का यह सुनियोजित नाटक वहीं पर खत्म हो गया.

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प्रोटोकॉल अधिकारी ने की मदद

बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे देश को चौंका दिया. अभिनेत्री रान्या राव को जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने रोका, तब तक वह इमिग्रेशन और ग्रीन चैनल पार कर चुकी थीं. वह भी राज्य के एक प्रोटोकॉल अधिकारी की मदद से!

DRI का बड़ा खुलासा

DRI अधिकारियों ने दावा किया, "रान्या राव ने कभी भी यह घोषित करने का इरादा नहीं रखा था कि वह क्या लेकर जा रही थीं. वह सीधे ग्रीन चैनल पार कर गईं, यानी वह जानती थीं कि उन्हें पकड़ने की संभावना कम है, लेकिन हमारी टीम सतर्क थी." इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि राज्य पुलिस का एक प्रोटोकॉल अधिकारी उनकी मदद कर रहा था. DRI ने उसे तुरंत हिरासत में लिया, लंबी पूछताछ के बाद अगले दिन यानी 4 मार्च को शाम 4 बजे आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया.

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DRI ने लगाया गंभीर आरोप

जांच एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा, "यह सिर्फ व्यक्तिगत तस्करी का मामला नहीं है, बल्कि राज्य प्रोटोकॉल अधिकारी की मदद से संगठित अपराध का हिस्सा है." रान्या राव के पास संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का रेजिडेंट आइडेंटिटी कार्ड भी मिला है, जिससे यह साफ होता है कि उनके दुबई से गहरे संपर्क हैं. 

हवाला के ज़रिए बड़ी रकम ट्रांसफर हुई!

DRI की जांच में यह भी सामने आया है कि हवाला के जरिए भारी मात्रा में धनराशि का लेन-देन किया गया. अधिकारी अब उस हवाला नेटवर्क की गहराई से जांच कर रहे हैं, जिसके जरिए यह धनराशि तस्करी के लिए भेजी गई. DRI अधिकारियों ने कहा, "यह मामला सिर्फ सोना लाने-ले जाने का नहीं है, बल्कि यह एक पूरे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा लगता है." DRI ने अदालत में साफ कर दिया है कि वे रान्या राव की ज़मानत का पुरजोर विरोध करते हैं. यह मामला सिर्फ एक अभिनेत्री द्वारा तस्करी का नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है. जब तक हम हवाला नेटवर्क और इस पूरे सिंडिकेट की तह तक नहीं पहुंच जाते, रान्या राव को ज़मानत नहीं मिलनी चाहिए. सबसे बड़ी बात यह है कि रान्या राव जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं.

प्रोटोकॉल अधिकारी का कबूलनामा

जब राज्य के प्रोटोकॉल अधिकारी से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने चौंकाने वाला कबूलनामा किया. उसने बताया, "मुझे सीधे DGP रामचंद्र राव के आदेश मिले थे कि उनके परिवार के सदस्यों को हर तरह की सुरक्षा और सुविधा दी जाए. इसलिए मैंने रान्या राव की एयरपोर्ट पर मदद की."

इस खुलासे के बाद मामला और भी पेचीदा हो गया है. क्या यह सिर्फ एक अभिनेत्री की तस्करी थी, या फिर इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक-प्रशासनिक गठजोड़ काम कर रहा था? DRI की जांच अभी जारी है, और यह मामला धीरे-धीरे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश की ओर इशारा कर रहा है! पीठ ने कहा, “हम प्राथमिकी दर्ज करने के बारे में चिंतित हैं. वह कहां है? क्या एडीआर एक प्राथमिकी है? हम समझते हैं कि शुरू में एडीआर दर्ज की जाती है, लेकिन जब बाद में यह पता चलता है कि यह आकस्मिक या प्राकृतिक मौत नहीं थी, बल्कि एक हत्या थी तो क्या प्राथमिकी दर्ज नहीं की जानी चाहिए?”

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