कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा विनायक दामोदर सावरकर के संबंध में की गई टिप्पणी पर विवाद जारी है. इसी बीच विनायक दामोदर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने NDTV से बात की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ सावरकर का कथित रूप से अपमान करने पर मामला दर्ज कराया गया है.
पोते रंजीत सावरकर ने NDTV से कहा, " राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरू की. लेकिन यात्रा को लोकप्रियता नहीं मिला। इसलिए वह सोच रहे हैं कि सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी करके उन्हें लोकप्रियता मिल जाएगा और वह राष्ट्रीय बहस में शामिल हो जाएंगे. यह गलत है. इसलिए मैंने आज पुलिस शिकायत दर्ज की है. राहुल गांधी ने कहा था कि वीर सावरकर ने पेंशन ली और अंग्रेजों के लिए काम किया और उन्होंने देश के खिलाफ भी काम किया. सावरकर ने कभी मांफी नहीं मांगी थी. राहुल गांधी बार-बार झूठ बोल रहे हैं. मैं राहुल गांधी की गिरफ्तारी की मांग करता हूं. सावरकर ने त्याग किया है. उन्होंने 27 साल जेल में बिताए हैं."
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपनी टिप्पणी पर टिके रहने की बात कही, और सावरकर द्वारा लिखी गई दया याचिका की प्रति भी दिखाई. उस वक्त राहुल गांधी ने कहा, "सावरकर जी ने इसमें लिखा है, 'मैं प्रार्थना करता हूं, सर, मैं सदा आपका आज्ञाकारी सेवक बना रहूंगा...' जब उन्होंने इस खत पर दस्तखत किए, क्या वजह थी...? वह डर था... वह अंग्रेज़ों से डरते थे..." सहयोगी दलों से इस मुद्दे पर मतभेद को लेकर राहुल गांधी ने कहा, "अगर कोई अपनी विचारधारा आगे रखना चाहता है, तो उन्हें ऐसा करना ही चाहिए..."
राहुल गांधी ने कहा, "इस खत पर दस्तखत करने की वजह से सावरकर जी के बारे में मेरे विचार ऐसे हैं..." उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और वल्लभभाई पटेल ने सालों जेल में बिताए, लेकिन "उन्होंने कभी ऐसे खत पर दस्तखत नहीं किए..." राहुल गांधी ने कहा, "ये दो अलग-अलग विचारधाराएं हैं... हमारी पार्टी में चर्चा की अनुमति है... हमारे यहां कोई तानाशाह नहीं है..."
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