पैगंबर विवाद पर सुलगा रांची, दो की मौत; IPS अधिकारी समेत 22 लोग घायल; निषेधाज्ञा लागू

Ranchi Violence : उपायुक्त छविरंजन ने मेन रोड समेत शहर के कुछ अन्य इलाकों में निषेधाज्ञा लगाने का आदेश जारी किया है. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रांची में इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी थी. 

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रांची हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में एहतियातन निषेधाज्ञा लगा दी गई है.

रांची:

पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भाजपा से निलंबित नेता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रांची (Ranchi) में विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है, वहीं करीब दर्जन भर लोग घायल हुए हैं. जानकारी है कुल 22 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 12 पुलिसकर्मी और 12 प्रदर्शनकारी हैं, दो लोगों की मौत हो गई है. हिंसा में आईपीएस अधिकारी को भी चोट आई थी, जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम शहर के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लगा दी. मरने वालों में 22 साल का मोहम्‍मद कैफी और 24 साल का मोहम्‍मद साहिल शामिल है. जबकि घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है. 

रांची के सिटी एसपी अंशुमान कुमार ने कहा कि दोनों की गोली लगने से मौत हुई है. वहीं हिंसा में आठ दंगाई और चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्‍हें रिम्‍स और एक अन्‍य अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है. उन्‍होंने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जाएगी. उन्‍होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. प्रभावित जगहों पर धारा 144 लगाई गई है. 

गौरतलब है कि जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद मौके पर पहुंचे शहर के उपायुक्त छविरंजन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रांची शहर के प्रभावित इलाकों में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया था और पुलिस ने बाकायदे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लाउडस्पीकर से इसकी घोषणा की थी. हालांकि, देर शाम करीब पौने छह बजे स्थिति नियंत्रण में देखते हुए उपायुक्त छविरंजन ने अपना आदेश बदला और कर्फ्यू के स्थान पर मेन रोड समेत शहर के कुछ अन्य इलाकों में निषेधाज्ञा लगाने का आदेश जारी किया है. 

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हिंसा के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रांची में शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई. 

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गौरतलब है कि नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों ने मेन रोड पर जमकर हंगामा किया और हनुमान मंदिर तक भारी पथराव और हिंसक संघर्ष किया, जिसमें रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, स्थानीय डेली मार्केट के थानेदार समेत दर्जन भर पुलिसकर्मी एवं अन्य लोग घायल हो गए. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हवा में गोली भी चलानी पड़ी थी. 

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रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र कुमार झा ने ‘पीटीआई भाषा' को बताया, ‘‘आज शहर के मेन रोड इलाके में जुमे की नमाज के बाद एकरा मस्जिद और आसपास के इलाकों से भारी संख्या में जमा उपद्रवियों ने पथराव किया और कुछ स्थानों पर गोलीबारी भी की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलाई. स्थिति को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.''

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उन्होंने बताया, ‘‘सैकड़ों की संख्या में पथराव कर रहे उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा लेकिन इससे भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी.'' पुलिस सूत्रों ने बताया कि उपद्रवियों की गोलीबारी और पथराव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा डेली मॉर्केट के थानाध्यक्ष समेत अनेक पुलिसकर्मी एवं दर्जन भर आम लोग भी घायल हो हुए हैं.  घायलों में से कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

रांची जिला प्रशासन की ओर से देर शाम जारी नए आदेश में कहा गया है, ‘‘रांची जिला प्रशासन द्वारा सुजाता चौक से फिरायालाल चौक तक और मेन रोड तथा उसके दोनों ओर 500 मीटर की दूरी तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. प्रभावित क्षेत्र में 5 या 5 से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी है.''

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. हेमंत सोरेन ने कहा, ‘‘आज हुई हिंसा की घटना बहुत चिंताजनक है लेकिन मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. जो लोग हिंसा में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.''

इस बीच डेली मॉर्केट के व्यापारिक संघ के अध्यक्ष मोहम्मद हासिम ने बताया कि मुसलमानों ने पैगंबर साहब के खिलाफ टिप्पणी करने वाले भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की मांग के साथ जुलूस निकालने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें जुलूस नहीं निकालने दिया गया जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई. 

इस बीच मेन रोड पर स्थित हनुमान मंदिर के व्यवस्थापकों एवं आसपास के प्रसाद विक्रेता दुकानदारों ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों ने मंदिर के द्वार, झंडे आदि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, प्रसाद की दुकानों पर रखे प्रसाद को नीचे गिरा दिया. उन्होंने बताया कि मंदिर के निकट हिंदू संगठनों के विरोध के बाद और पुलिस के पहुंचने पर उपद्रवी वहां से पीछे हटे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झा ने बताया कि पूरे शहर में और विशेष रूप से मेन रोड इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और अन्य इलाकों से केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और बलों की टुकड़ियां वहां भेजी गई है. उन्होंने बताया कि घायलों को सदर अस्पताल और रिम्स में भर्ती कराया गया है. मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

इस बीच उपद्रवियों के सड़क से शाम लगभग पांच बजे पीछे हट जाने के बाद मेन रोड और आसपास की गलियों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और लोगों से घरों से बाहर न निकलने की लाउडस्पीकर पर चेतावनी दी. 

उपद्रवी भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा एवं दिल्ली के मीडिया प्रमुख नवीन जिंदल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. 

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