रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: अयोध्या में पीएसी के बैंड ने भक्ति बजाईं धुनें

बैंड का संचालन करने वाले प्लाटून कमांडर अरविंद कुमार ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम प्रयागराज से आए हैं और डूमनगंज में तैनात पीएसी की चौथी बटालियन का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम आज राम जी के लिए बजा रहे हैं, क्योंकि उनका भव्य मंदिर बन गया है.’’

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अयोध्या: उत्तर प्रदेश की प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी)के एक बैंड ने सोमवार को रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में मनाए गए उत्सव के तहत यहां ‘राम आएंगे' और ‘सारे जहां से अच्छा' समेत कई धुनें बजायीं. प्रयागराज स्थित पीएसी की चौथी बटालियन से संबंधित 20 सदस्यीय बैंड ने मंदिर नगरी के धर्म पथ के पास एक रास्ते पर ये धुनें बजाईं. यह सड़क फिलहाल 40 सूर्य स्तंभों से सुसज्जित है.

पवित्र शहर में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की 51 इंच ऊंची प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हिस्सा लिया. अयोध्या नगरी में धार्मिक उत्साह और उत्सव जैसा माहौल है. हर कोने पर लाउडस्पीकर पर 'जय श्री राम' के नारे और भगवान राम की स्तुति करने वाले पारंपरिक गीत बजते सुनाई देते हैं.

अयोध्या में वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग राम पथ के दोनों किनारों पर कतार में खड़े थे. लता मंगेशकर चौक के आसपास भी लोग एकत्र दिखे. पीएसी बैंड ने राम मंदिर के कट-आउट की पृष्ठभूमि में गाने और भजन के धुन बजाए.

बैंड का संचालन करने वाले प्लाटून कमांडर अरविंद कुमार ने यहां ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हम प्रयागराज से आए हैं और डूमनगंज में तैनात पीएसी की चौथी बटालियन का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम आज राम जी के लिए बजा रहे हैं, क्योंकि उनका भव्य मंदिर बन गया है.''

बैंड ने ‘रघुपति राघव राजा राम', ‘राम जानकी बैठे हैं, मेरे सीने में', ‘कभी राम, कभी श्याम', ‘राम आएंगे' और ‘सारे जहां से अच्छा' जैसे पांच गीतों के धुन बजाए. उन्होंने कहा कि लाल, काले और सफेद रंग की वर्दी और टोपी पहने बैंड के सदस्यों ने ड्रम, शहनाई, झांझ, तुरही और यूफोनियम जैसे वाद्ययंत्र बजाए.

बैंड के सभी सदस्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर प्रस्तुति देने पर बहुत प्रसन्न हुए. राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और इसके शिखर की उंचाई 161 फुट है. मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं.

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