पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ( Punjab and Haryana High Court ) ने सोमवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ( Gurmeet Ram Rahim ) की याचिका को स्वीकार कर लिया. उसकी ओर से बेअदबी की घटनाओं से संबंधित मामलों में फिजीकल उपस्थिति से राहत और अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की अनुमति मांगी गई थी.
वकील कनिका आहूजा ने कहा कि आज कोर्ट ने राम रहीम के पक्ष में आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि बेअदबी के मामलों में तीन प्राथमिकी दर्ज की गईं थीं. हमने एक याचिका दायर की थी कि अगर राम रहीम को अदालत के सामने पेश किया जाना है, तो इसे केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाना चाहिए. उसे पंजाब नहीं ले जाना चाहिए.
गुरमीत राम रहीम जो वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है, अब 2015 की बेअदबी की घटनाओं से संबंधित मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होगा.
कनिका आहूजा ने बताया कि यह आदेश दिया गया है कि अगर पंजाब में बेअदबी के मामलों में सुनवाई चल रही है, तो राम रहीम को किसी भी मामले की कार्यवाही में पंजाब नहीं ले जाया जाएगा. सभी कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी. राम रहीम के खिलाफ मामले पंजाब के फरीदकोट जिले में 2015 की बेअदबी की घटनाओं से संबंधित हैं.य
अदालत ने डेरा प्रमुख को 2015 की बेअदबी मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी है. वर्तमान में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रेप और हत्या के मामलों में सजा काट रहा है.
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