राज्यों को खुद की ओबीसी सूची बनाने का अध‍िकार देने वाला बिल राज्यसभा में भी हुआ पारित

सभी दलों ने इस बिल को समर्थन देने का ऐलान किया था. लोकसभा पहले ही इस बिल को मंजूरी दे चुकी है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
राज्‍यसभा ने 127वां संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Parliament Session: राज्‍यसभा ने 127वें संविधान संशोधन बिल (127th Constitution Amendment Bill) को मंजूरी दे दी है इसके तहत राज्‍यों को अन्‍य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची (OBC List) तैयार करने का अधिकार दिया गया है. सभी दलों ने इस बिल को समर्थन देने का ऐलान किया था. लोकसभा पहले ही इस बिल को मंजूरी दे चुकी है. राज्‍यसभा में ओबीसी बिल पर हुए बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बिल का जिस तरह से समर्थन किया गया है, यह एक ऐतिहासिक दिन है. उन्‍होंने कहा कि 50% आरक्षण की सीमा पर चर्चा होनी चाहिए विशेषकर इसलिए कि यह सीमा 30 साल पहले लागू की गई थी. 

127वां संविधान संशोधन बिल संविधान के अनुच्छेद 342A के खंड 1 और 2 में संशोधन करेगा और एक नया खंड 3 भी जोड़ेगा. इसके अलावा यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 366 (26c) और 338B (9) में भी संशोधन कर सकेगा. 127वें संशोधन विधेयक को यह स्पष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि राज्य और केंद्रसासित प्रदेश सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBC) की "राज्य सूची" बनाने के लिए स्वतंत्र होंगे.

इससे पहले बिल पर हुई बहस के दौरान कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'देर आए लेकिन दुरुस्त आए.' उन्होंने कहा कि सरकार को यह बिल पहले लेकर आना चाहिए था.  उन्होंने कहा कि इस संविधान संशोधन बिल में आपने 50 फ़ीसदी आरक्षण कोटे की सीमा को लेकर एक शब्द भी नहीं बोला है, जबकि इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 75 से 80 फ़ीसदी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां 50% की सीमा का उल्लंघन हो चुका है. सिंघवी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस बिल के जरिए राज्यों को एक कागजी दस्तावेज देकर अपनी पीठ थपथपाना चाह रही हैं. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Lawrence Bishnoi: पंचकूला में कबड्डी खिलाड़ी की गोली मारकर हत्या | Anmol Bishnoi | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article