बेहद निराशाजनक... संसद में शुभांशु शुक्ला पर चर्चा के दौरान विपक्ष के हंगामे पर बोले राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, "अंतरिक्ष जैसे विषय, जो 21वीं सदी में भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक दृष्टि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, उन्हें कम से कम दलगत राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए."

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  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में शुभांशु शुक्ला पर चर्चा के दौरान विपक्ष के आचरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
  • संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील की और राष्ट्रीय नायक का सम्मान करने का आग्रह किया
  • विपक्ष ने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी कर चर्चा बाधित की और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी
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नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के आचरण की आलोचना की. उन्होंन इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक बताया. रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष जैसे विषयों को दलीय राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए. विपक्ष इस चर्चा में भाग ले सकता था और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए रचनात्मक सुझाव दे सकता था.

वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर एक विशेष चर्चा आयोजित कर उन्हें सम्मानित करने वाला था और विपक्ष से सहयोग की अपील की थी, उनसे राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर एक राष्ट्रीय नायक का सम्मान करने का आग्रह किया था, लेकिन जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध और नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे कार्यवाही बाधित हुई और सभापति को दिन भर के लिए सदन स्थगित करनी पड़ी.

रक्षा मंत्री ने एक्स पर कहा, "आज लोकसभा में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, इसरो मिशन पायलट की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा और उसके बाद उनकी वापसी पर विशेष चर्चा के दौरान जिस तरह से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है."

उन्होंने आगे कहा, "यह चर्चा भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका पर थी, जो राष्ट्रीय उपलब्धि, देश के गौरव, स्वाभिमान और भविष्य में वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की संभावनाओं से जुड़ी है. विपक्ष ने जिस तरह से इसमें बाधा डाली, आज उनका व्यवहार बेहद निराशाजनक था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में जिन अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छू रहा है, वह उल्लेखनीय है. विपक्ष इस चर्चा में भाग ले सकता था और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रचनात्मक समीक्षा, आलोचना और सुझाव दे सकता था."

राजनाथ सिंह ने कहा, "अंतरिक्ष जैसे विषय, जो 21वीं सदी में भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक दृष्टि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, उन्हें कम से कम दलगत राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए."

विपक्ष के विरोध के बीच, केंद्रीय अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनसे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों का उत्साहवर्धन करने की अपील की. उन्होंने कहा, "आपकी सरकार या भाजपा से असहमति हो सकती है, लेकिन यह एक अंतरिक्ष यात्री और वायु सेना अधिकारी के बारे में है जिसने देश को गौरवान्वित किया है. कम से कम हमारे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों का हौसला तो बढ़ाइए." हालांकि विरोध प्रदर्शन जारी रहा.

वहीं आसन पर बैठे भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने सदन की मर्यादा बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, "आप रोज़ पोस्टर और बैनर लेकर आते हैं. पूरा देश देख रहा है. यह 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है, लेकिन आप इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहते." लेकिन जब इन सब बातों से भी बात नहीं बनी, तो सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.

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