बिहार (Bihar) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अटकलों के बीच राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि सबसे पहले राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि राजस्थान में पानी की अनुपलब्धता का संकट है. राज्य में गांवों के बीच लंबी दूरियों की वजह से सर्विसों की डिलीवरी आसान नहीं है और इस पर भारी व्यय होता है. उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) से कहा है कि इस रेगिस्तानी राज्य की विशेष राज्य की मांग पहले पूरी की जानी चाहिए.
अशोक गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है कि - कल नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेंगे. मीडिया की खबरों से लगता है कि इस सरकार की स्थिति कमजोर होने के कारण बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाला है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे या केन्द्र सरकार के विशेष ध्यान की सबसे पहली आवश्यकता राजस्थान को है क्योंकि हमारा राज्य सबसे बड़ा रेगिस्तानी राज्य है. पूरे राज्य में केवल एक छोटे से हिस्से में साल भर बहने वाली नदी है और भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं. राजस्थान का क्षेत्रफल देश का 10 फीासदी है परन्तु पानी केवल एक प्रतिशत ही है.
उन्होंने कहा है कि, हमारे यहां गांवों के बीच दूरी इतनी ज्यादा हैं कि बिजली, पानी, सड़क समेत हर सर्विस की डिलीवरी की कॉस्ट बहुत अधिक आती है. उदाहरण के तौर पर यहां जल जीवन मिशन में पानी का एक कनेक्शन लगाने का खर्च कहीं-कहीं 20,000 रुपये से भी ज्यादा है. हमारे यहां के कुछ जिलों का क्षेत्रफल तो देश के राज्यों से भी ज्यादा है. ऐसे में विशेष राज्य के दर्जे की हमारी पुरानी मांग कायम है.
गहलोत ने कहा है कि, मैं मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करना चाहता हूं कि विशेष राज्य के दर्जे पर पहला हक राजस्थान का है. इसको पूरा किया जाना चाहिए.
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