राजस्थान के अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश नाकाम, ट्रैक पर मिला एक क्विंटल वजनी सीमेंट ब्लॉक

यूपी के बाद राजस्थान के अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है. दरअसल राजस्थान में भी रेलवे ट्रैक पर एक क्विंटल वजनी सीमेंट ब्लॉक रखा गया था, ताकि ट्रेन को पटरी से उतारा जा सके.

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उत्तर प्रदेश के कानपुर के बाद अब राजस्थान के अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश को नाकाम कर दिया गया है. दरअसल राजस्थान में भी रेलवे ट्रैक पर एक क्विंटल वजनी सीमेंट ब्लॉक रखा गया था, ताकि ट्रेन को पटरी से उतारा जा सके. अजमेर में ट्रेन को पलटाने के लिए भारी भरकम सीमेंट ब्लॉक को पटरी पर रखा या था. गनीमत ये रही कि ट्रेन का इंजन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ते हुए आगे निकल गया. रेल ड्राइवर के सूचना पर आरपीएफ ने घटनास्थल पर पहुंचकर ट्रैक का निरीक्षण किया.

रेलवे ट्रैक पर दो जगह रखे थे सीमेंट ब्लॉक

अजमेर में सराधना और बांगड़ ग्राम स्टेशन के बीच 2 स्थानों पर सीमेंट के एक क्विंटल किलो वजनी ब्लॉक रखा हुआ मिला. रेलवे ट्रैक पर एक किलोमीटर तक की दूरी में दो जगह सीमेंट ब्लॉक रखे गए थे. इस मामले में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन (डीएफसीसी) कर्मचारी रवि बुंदेला और विश्वजीत दास ने एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर के मुताबिक़ 8 सितंबर की रात 10:36 बजे सूचना मिली कि ट्रैक पर सीमेंट का ब्लॉक रखा हुआ है. मौके पर पहुंचे तो पाया कि वह टूट कर गिरा हुआ है.

एक किमी आगे एक और ब्लॉक टूट कर साइड में रखा हुआ था, ये दोनों ब्लॉक अलग-अलग जगह पर रखे हुए थे. इसके बाद डीएफसीसी और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने मिलकर सराधना से बांगड़ ग्राम स्टेशन तक पेट्रोलिंग की. इस दौरान स्थिति सामान्य पाई गई. सीमेंट ब्लॉक से टकराने की वजह से मालगाड़ी के इंजन को भी नुकसान पहुंचा है. मालगाड़ी के ड्राइवर ने असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर हरि किशन मीणा को घटना के बारे में जानकारी दी. इस बारे में रविवार की रात को 10:36 बजे बांगड़ ग्राम स्टेशन अधीक्षक ने सूचना दी, इसके बाद ट्रैक जांचा गया.

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राजस्थान में 1 महीने में 3 बार ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश

आरपीएफ को घटनास्थल से सीमेंट के टुकड़े मिले हैं जिससे ट्रेन टकराई थी.  आरपीएफ ने मामले में मांगलियावास थाने में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपियों के तलाश में जुटी हुई है. राजस्थान में एक महीने में तीसरी बार ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश हुई है. इससे पहले 28 अगस्त को बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया था. जिसमें इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया. 23 अगस्त को पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट ब्लॉक से टकरा गई थी.

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कानपुर में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश नाकाम

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एलपीजी सिलेंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री को ट्रैक पर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के सिलसिले में सोमवार को दो स्थानीय हिस्ट्रीशीटरों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है. सिंह ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है, लेकिन मीडिया से विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया. पुलिस का कहना है कि इस खुलासे से जांच प्रभावित हो सकती है.

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कानपुर में कैसे टला बड़ा रेल हादसा

कानपुर जिले में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया जब अज्ञात लोगों ने प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के सामने पटरी पर रसोई गैस सिलेंडर रख दिया. इसे देखकर चालक ने इमर्जेंसी ब्रेक लगा दी और सिलेंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा. घटना में आतंकवादियों का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने भी मामले की अलग से जांच शुरू की है. एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी जांच के तहत हर पहलू पर गौर किया है और एटीएस जो भी निष्कर्ष निकालेगी, उसे जल्द ही मीडिया के साथ साझा किया जाएगा.

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इसकी उच्च स्तरीय जांच-पड़ताल के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है. अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) हरीश चंद्र ने सोमवार को यहां बताया, ‘‘रविवार रात आठ बजकर 20 मिनट पर प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के चालक ने बिल्हौर रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पहले पटरी पर एक रसोई गैस सिलेंडर रखा देखा. इस पर उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दी मगर ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई और थोड़ा आगे जाकर रुक गयी,सिलेंडर भी उछलकर दूर जा गिरा.''

उन्होंने कहा, ‘‘गनीमत रही कि सिलेंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. साथ ही अचानक आपातकालीन ब्रेक लगने से ट्रेन पटरी से उतर भी सकती थी. ट्रेन करीब 20 मिनट तक घटनास्थल पर रुकी रही और जांच के लिए इसे बिल्हौर स्टेशन पर रोका गया.'' चंद्र ने बताया कि सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की. मामले को सुलझाने में उनकी मदद के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भी मामले की जांच कर रहा है.

ट्रैक से सिलेंडर, पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई चीजें बरामद

उन्होंने बताया कि घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलेंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई है. संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से गैस सिलेंडर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पटरियों पर रखी थीं. घटना में आतंकवादियों का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने भी मामले की अलग से जांच शुरू की है. राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने रेलवे ट्रैक पर रसोई गैस सिलेंडर पाए जाने के बाद आतंकवाद रोधी दस्ते के भी मौके पर पहुंचने के बारे में लखनऊ में बताया, ''हम सभी पहलुओं को देखेंगे और बिना पूरी जांच—पड़ताल किये, इस पर कुछ भी कहना अभी संभव नहीं है.''

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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