राजस्थान में सत्तारूढ़ अशोक गहलोत की सरकार को झटका लगा है. राज्य के कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने इस्तीफा दे दिया है. घोघरा ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ पार्टी से होने के बाद भी उनकी अनदेखी की जा रही है. विधायक ने अपने खिलाफ डूंगरपुर जिले में हंगामा करने का मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया है. एमएलए गणेश घोघरो को सीएम अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है. घोघरा, राजस्थान युवक कांग्रेस के प्रमुख हैं और विधानसभा में डूंगरपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.विधानसभा अध्यक्ष, सीएम गहलोत और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को लिखे इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, 'जब वह लोगों की समस्याओं को उठाते हैं तो प्रशासन ध्यान नहीं देता.'
राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आए इस इस्तीफे में राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक खींचतान को उजागर कर दिया है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समक्ष फिर सत्तारूढ़ होने की कठिन चुनौती है.सीएम अशोक गहलोत को जहां अपनी ही पार्टी में नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं बीजेपी राज्य की सत्ता में वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है.
स्थानीय तहसीलदार की ओर से मंगलवार देर रात डूंगरपुर के सदर थाने में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (किसी भी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में बाधा डालना), 143 ( गैर कानूनी सभा), 342 ( गलत बंधक बनाना), 347 (संपत्ति की जबरन वसूली के लिये गलत बंधक बनाना या अवैध कार्य के विवश करना) और 353 ( लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये हमला) के तहत मामला दर्ज करवाया गया था.पुलिस ने बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान मंगलवार को स्थानीय लोगों की भीड़ ने पंचायत भवन में उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और तहसीलदार सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों को बंद कर दिया था. अभियान के तहत लीज जारी करने सहित विभिन्न कार्य किये जाते है
.स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व में आयोजित अभियान में पट्टे के लिये आवेदन किया था लेकिन अभी तक पट्टे जारी नहीं किए गए है.इसका विरोध करते हुए लोगों ने अधिकारियों को पंचायत भवन में बंद कर दिया था.बाद में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा पंचायत भवन पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ धरने पर बैठ गए जबकि अधिकारी अंदर ही बंद थे. कुछ देर बाद जब जिला कलेक्टर ने मामले में हस्तक्षेप किया तो गतिरोध समाप्त हुआ और अधिकारियों को छोड़ दिया गया.इसके बाद कल रात तहसीलदार ने स्थानीय थाने में शिकायत की जिसके बाद मामला दर्ज किया गया. सदर थानाधिकारी हजारी लाल मीणा ने बताया कि प्राथमिकी में विधायक घोघरा समेत 11 लोगों खिलाफ नामजद और 56-60 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. (भाषा से भी इनपुट)
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