कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वह खड़गे के नामंकन में प्रस्तावक होंगे. इस पद पर 17 अक्टूबर को चुनाव निर्धारित है. माना जा रहा है कि खड़गे को गांधी परिवार का समर्थन मिला हुआ है. NDTV से बात करते हुए गहलोत ने दोहराया कि राजस्थान की गड़बड़ी उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी और इसके लिए उन्होंने माफी मांगी है.
उन्होंने कहा, "मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं हैं. आलाकमान जो भी फैसला करेगा, मैं वह करूंगा." उन्होंने कहा कि वह करीब 50 सालों से विभिन्न पदों पर हैं, और वे अब उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं रह गए हैं.
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गहलोत, जो पहले गांधी परिवार के सबसे बेहतर पसंद थे, ने राजस्थान में अपने समर्थक विधायकों के विद्रोह की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कल कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से खुद को बाहर कर लिया था. उनके समर्थक विधायकों ने पिछले रविवार (25 सितंबर) को पार्टी पर्यवेक्षकों द्वारा बुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था और समानांतर बैठक कर ये मांग की थी कि अगर गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें राज्य में अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार दिया जाय. पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना था.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और अध्यक्ष पद चुनाव से बाहर होने की घोषणा करने से पहले उन्हें एक माफी पत्र सौंपा था.