राज्यसभा चुनाव : राजस्थान में सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 80 से अधिक MLAs पहुंचे उदयपुर

राजस्थान (Rajasthan) में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) एवं उसके समर्थक विधायकों के उदयपुर पहुंचने का क्रम शुक्रवार शाम को भी जारी रहा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
  पायलट ने कहा कि सभी क्षेत्रीय दलों के विधायकों ने सरकार का समर्थन किया है.
जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan) में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) एवं उसके समर्थक विधायकों के उदयपुर पहुंचने का क्रम शुक्रवार शाम को भी जारी रहा.  पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी एवं उसके समर्थक 80 से अधिक विधायक उदयपुर (Udaipur) पहुंच चुके हैं. राज्य से राज्यसभा की चार सीटों के लिए अब कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के तीन, भाजपा का एक एवं एक निर्दलीय उम्मीदवार है.  मतदान 10 जून को होगा. कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से पहले अपने एवं समर्थक विधायकों को उदयपुर के एक होटल में ठहराने का फैसला किया है.  जयपुर से 40 से ज्यादा विधायकों को लेकर एक बस बीती रात ढाई बजे उदयपुर पहुंची. 

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार दिन में विमान से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के राज्यसभा के उम्मीदवार प्रमोद तिवारी, विधायक बृजेन्द्र ओला, रमीला खड़िया, रोहित बोहरा, जोगिंदर सिंह अवाना, गुरमीत सिंह कुन्नर और नरेंद्र बुडानिया भी उदयपुर पहुंचे. पायलट ने उदयपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में राज्यसभा चुनाव में तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत का दावा किया.  उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रीय दलों के विधायकों ने सरकार का समर्थन किया है. 

पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा,‘‘साढे तीन साल तक जिन लोगों ने कांग्रेस सरकार का समर्थन किया.. मैं नहीं समझता कि अब कोई किसी भी कीमत पर हमारे खिलाफ वोट डालेगा.. संभव नहीं है.. और हमें विश्वास है.  यह बात एआईसीसी कह चुकी है, प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री कह चुके हैं. ''उन्होंने कहा कि ‘ भारी बहुमत से तीनों सांसद बनकर जायेंगे.  तीनों उम्मीदवार सोनिया गांधी के उम्मीदवार हैं.  कांग्रेस के उम्मीदवार है.  तीनों उम्मीदवार पर्याप्त बहुमत से ज्यादा मत हासिल करके जीतकर जायेंगे. ''

Advertisement

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस एवं राज्य में उसकी सरकार का समर्थन कर रहे बाकी विधायक भी अपनी सुविधानुसार होटल पहुंच रहे हैं. इस बीच, राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को कहा कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे.  गुढ़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘‘यह सच बात है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उन विधायकों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिला. ''

Advertisement

गुढ़ा का यह बयान सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए राज्यसभा चुनाव से पहले चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है.  कांग्रेस चुनाव से पहले अपने एवं अपने समर्थक विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास कर रही है.  गुढ़ा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उन विधायकों में शामिल है जो कांग्रेस के उदयपुर कैंप में शामिल होने नहीं गए बल्कि जयपुर में ही हैं. उल्लेखनीय है कि बसपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले छह विधायक राजेन्द्र गुढा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. 

Advertisement

गुढ़ा ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कुछ प्रतिबद्धताएं की थीं जो वे पूरा नहीं कर पाए.  गुढ़ा ने कहा,‘‘राजनीति में जो प्रतिबद्धता हो वह पूरी होनी चाहिए.  अजय माकन हमारे प्रभारी हैं उन्होंने मुझसे कुछ प्रतिबद्धताएं की थीं लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया. ''उल्लेखनीय है कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है.  जबकि भाजपा ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है.  मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है.  भाजपा उनका समर्थन कर रही है. 

Advertisement

संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें तथा भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है.  दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष एवं भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे.  एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए. सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद है कि सरकार का समर्थन कर रहे अन्य दलों के विधायकों व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह तीसरी सीट जीत जाएगी. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Iran Hijab Protest: 1979 की इस्लामिक क्रांति से कैसे महिलाओं के अधिकार खत्म या कम होते गए?
Topics mentioned in this article