राजस्थान के कोटपुतली-बहरोड़ जिले में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की बच्ची को बचाने के लिए अभी तक बचाव कार्य जारी है. बता दें कि बच्ची को बोरवेल में फंसे हुए 40 घंटे से भी अधिक समय बीत गया है लेकिन अभी तक भी बचाव कार्य जारी है. चेतना नाम की यह बच्ची सोमवार को अपने पिता के साथ खेत में खेल रही थी और खेलते वक्त बोरवेल में गिर गई थी.
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और अन्य अधिकारियों की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. हालांकि, बोरवेल की चौड़ाई कम होने और नमी के कारण उसके आसपास की मिट्टी दब जाने के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
अधिकारी शुरू में 10 फुट की लोहे की छड़ों से जुड़े हुक की मदद से बच्ची को बचाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन यह असफल साबित हुआ, लेकिन अब मंगलवार रात हरियाणा से मंगाई गई लोहे की प्लेट से बनी एक अन्य स्थानीय मशीन, पाइलिंग मशीन की मदद से उसे बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
एनडीआरएफ के प्रभारी योगेश मीना ने कहा, "हम पाइलिंग मशीन से 160 फुट गहराई तक खुदाई करेंगे. हम एक साथ दो योजनाओं पर काम कर रहे हैं - योजना ए में बोरवेल के पास जेसीबी से 10 फुट गहरा गड्ढा खोदा जाएगा. योजना बी में, हमने पाइलिंग मशीन की मदद से खुदाई शुरू कर दी है. मशीन 150 फुट तक खुदाई कर सकती है."
इसके साथ ही ऑक्सीजन पाइप भी बोरवेल में डाला गया है ताकि बच्ची का दम न घुटे और वह आसानी से सांस ले सके. इसके साथ ही घटना स्थल पर चार एंबुलेंस भी खड़ी हैं. एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, "लड़की की हरकतें कैमरे में कैद हो गईं और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक ऑक्सीजन पाइप बोरवेल में उतारा गया."
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार दोपहर को बच्ची करीब 15 फीट की गहराई पर बोरवेल में गिर गई थी. जब उसके परिवार के सदस्यों ने उसे बाहर निकालने की कोशिश की, तो वह और भी नीचे गिर गई. कुछ ही घंटों में जयपुर से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया. बोरवेल का काम शनिवार को खत्म हो गया था लेकिन उसके बाद इसे खुला ही छोड़ दिया गया था.