- बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद गहरा गया है.
- लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन की वजह से कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
- संसद भवन परिसर में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सामूहिक प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया.
बिहार में मतदाता सूची को सुधारने के लिए चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गया है. इस मसले पर मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्षी दलों के नेताओं ने SIR के खिलाफ़ संसद परिसर में साझा विरोध प्रदर्शन भी किया.
संसद के दोनों सदनों में प्रदर्शन
संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने मांग की कि सदन की तय कार्यवाही को रोककर पहले SIR के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई. इसके बाद विपक्षी दलों ने चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में नारेबाजी की, जिसके बाद दोनों सदनों में कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा.
SIR की आड़ में बिहार में वोट चोरीः राहुल
विपक्षी दल चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ़ हैं और इस मुद्दे उन्होंने संसद परिसर में साझा विरोध प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "SIR की आड़ में बिहार में हो रही वोट चोरी के ख़िलाफ़ संसद परिसर में INDIA गठबंधन के साथियों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ. वोट देना हर नागरिक का अधिकार है. हम इसे किसी भी कीमत पर छीनने नहीं देंगे. संविधान विरोधी शक्तियों के खिलाफ एकजुटता से लड़ेंगे."
पहले महाराष्ट्र, अब बिहार में कट रहे नामः प्रियंका
विरोध प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस महासचिव और लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि SIR की प्रक्रिया लोकतंत्र का कत्ल है, इसलिए हम बार-बार बोल रहे हैं कि ये एकदम गलत है. प्रदर्शन के बाद प्रियंका गांधी ने कहा, "पहले महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में वोटर बढ़ाकर चुनाव की चोरी की गई. अब बिहार में वोटर के नाम काटकर यही करने की कोशिश की जा रही है.
'वोटबंदी मतदान का अधिकार छीनने की साजिश'
उन्होंने आरोप लगाया कि स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) के नाम पर लागू की जा रही 'वोटबंदी' संविधान में दिए गए वोट के अधिकार को छीनने की साजिश है. हम संविधान को कुचलने की हर कोशिश के खिलाफ डटकर खड़े हैं. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और INDIA गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ संसद परिसर में बिहार में चल रही 'वोटबंदी' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया."
रविकिशन ने बताया, चुनावी हार की खीज
उधर, सत्ताधारी दल ने कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है. बीजेपी सांसद रवि किशन ने एनडीटीवी से कहा कि विपक्ष को पता है कि वो चुनाव हार रहे हैं. उनकी सरकार बिहार में नहीं बन रही है. बिहार में नीतीश कुमार की सरकार फिर से बनने वाली है. ये अपरिपक्व राजनीति है. जनता का पैसा बर्बाद हो रहा है. विपक्ष प्लेकार्ड लेकर बेवजह प्रदर्शन कर रहा है."
ये सियासी जमीन खिसकने का डरः ब्रिजलाल
लॉ एंड जस्टिस पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन ब्रिज लाल ने एनडीटीवी से कहा कि विपक्षी राजनीतिक दलों ने बिहार में फर्जी वोटर बना लिए थे और अब चुनाव आयोग की SIR से उन्हें डर लग रहा है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए जाएंगे तो उनकी राजनीतिक जमीन और खिसक जाएगी, इसीलिए वे विरोध कर रहे हैं. मैं चुनाव आयोग का इस कवायद के लिए साधुवाद करता हूं."
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में मतदाता सूची को सुधारने के लिए शुरू की गयी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया का उद्देश्य 2003 के बाद मतदाता सूची को अपडेट करना है, जो स्वतंत्र चुनाव के लिए आवश्यक है. बहरहाल बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आयोग की इस पहल पर राजनीति दिनोंदिन तेज़ होती जा रही है.
ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर आयोग का अपडेट
उधर, चुनाव आयोग ने बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची पर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया.
आयोग ने कहा कि सीईओ, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं और उन 21.36 लाख मतदाताओं की विस्तृत सूची साझा की है, जिनके फॉर्म अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं. इसके साथ ही उन लगभग 52.30 लाख मतदाताओं की भी सूची साझा की गई है, जो कथित तौर पर मृत हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या कई स्थानों पर नामांकित हैं.
एसआईआर के संदर्भ में 24 जून 2025 को जारी आदेश के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक ड्राफ्ट मतदाता सूची में किसी भी प्रकार के नाम जोड़ने, हटाने और सुधार के लिए जनता के किसी भी सदस्य को आपत्तियां दर्ज करने के लिए पूरा एक महीना उपलब्ध रहेगा.