पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलने के लिए कांग्रेस विधायकों के दबाव के बीच राज्य इकाई में व्यवस्था बहाल करने के लिए निर्णायक कदम उठाने के लिए राहुल गांधी की सराहना की है. सूत्रों ने बताया कि आज शाम को बुलाई गई विधायकों की बैठक से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वह इस तरह के अपमान के साथ पार्टी में नहीं बने रह सकते. पार्टी द्वारा अमरिंदर सिंह और उनके प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह कराने में कामयाब होने के हफ्तों बाद आज की बैठक पंजाब की कांग्रेस सरकार में नेतृत्व परिवर्तन का संकेत दे सकती है.
जाखड़ ने ट्वीट किया, "गॉर्डियन नॉट के इस पंजाबी वर्जन के लिए अलेक्जेंड्रिया के समाधान को अपनाने के लिए राहुल गांधी को बधाई. पंजाब कांग्रेस की गड़बड़ी को हल करने के इस साहसिक निर्णय ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है, बल्कि अकालियों की रीढ़ को हिला दिया है."
जाखड़ ने अपने ट्वीट में एक जटिल समस्या का वर्णन करने के लिए जिस उद्धरण का उपयोग किया वह द गॉर्डियन नॉट अलेक्जेंडर द ग्रेट के साथ जुड़े फ्रेजियन गोर्डियम की एक किंवदंती है. इसे अक्सर समस्या के दृष्टिकोण के लिए दृष्टिकोण ढूंढकर आसानी से हल की गई एक असाध्य समस्या के रूपक के रूप में उपयोग किया जाता है.
विपक्षी शिरोमणि अकाली दल अमरिंदर सिंह पर "पंजाब में सबसे अधिक नफरत करने वाले व्यक्ति" के रूप में हमला करता रहा है. अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि कांग्रेस विधायक भी मुख्यमंत्री के खिलाफ हैं. बादल ने कहा था, "यदि आप पंजाब में सबसे ज्यादा नफरत करने वाले व्यक्ति का चुनाव करते हैं, तो परिणाम कैप्टन अमरिंदर सिंह होगा. न केवल हम, बल्कि लोग और कांग्रेस विधायक भी उनके खिलाफ हैं।"
कांग्रेस विधायकों का एक वर्ग सिंह के खिलाफ बगावत करने के बाद पार्टी पर दबाव बना रहा है.
आज की अनिर्धारित बैठक ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री को स्तब्ध कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि अमरिंदर सिंह की जगह लेने वालों में तीन नेताओं के नाम चल रहे हैं - सुनील जाखड़, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा और बेअंत सिंह के पोते और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू.