कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और उनके कुछ सहयोगियों ने चीन के साथ सीमा मुद्दे (LAC) पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक (Defence Panel Meet) से वॉकआउट कर दिया. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि बैठक बुधवार को दोपहर बाद तीन बजे निर्धारित की गई थी. राहुल गांधी और कांग्रेस सांसदों द्वारा चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया, जिसके बाद वह रक्षा समिति की बैठक से बाहर चले गए. उसके बाद उनकी पार्टी के सांसदों ने भी ऐसा ही किया.
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एक सूत्र ने बताया, ‘‘बैठक के एजेंडे में छावनी बोर्डों कामकाज पर चर्चा करना शामिल था. राहुल गांधी ने कहा कि पिछली कुछ बैठकों से लगातार इसी पर बात हो रही है. उन्होंने कहा कि इस पर बात हो, लेकिन चीन सीमा पर जो कर रहा है, अफगानिस्तान में तालिबान कब्जा कर रहा है, श्रीलंका में चीन अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, ऐसे बड़े मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए.'' सूत्रों ने यह जानकारी भी दी कि राहुल गांधी ने पाकिस्तान से आतंकी खतरे को लेकर चर्चा की मांग उठाई. सूत्रों के अनुसार, ओरांव ने कहा कि अगर कोई सदस्य किसी विषय पर चर्चा चाहता है तो उसे प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और 14 दिन पहले नोटिस देना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी की संसदीय रणनीति को लेकर हुई बैठक में कांग्रेस ने संसद के आगामी मानसून सत्र में चीन के साथ सीमा मुद्दे को उठाने का फैसला किया है.
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सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद के अंदर फ्लोर मैनेजमेंट और रणनीति पर सहयोगियों के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है. कांग्रेस मानसून सत्र के दौरान चीन के साथ सीमा मुद्दों के अलावा तेल की कीमतों में वृद्धि, मुद्रास्फीति, टीके की कमी, बेरोजगारी और राफेल विवाद को उठाना चाहती है.
राहुल गांधी लंबे समय से सरकार की आलोचना करते रहे हैं कि भारत ने चीन को अपनी जमीन दे दी है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल जून में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. (इनपुट भाषा से...)
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