मोदी सरनेम मानहानि केस (Modi Surname Defamation Case) में 2 साल की सजा मिलने और सांसदी खोने के बाद कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सरकारी बंगला छोड़ने का नोटिस मिला था. राहुल गांधी दिल्ली के 10 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली कर रहे हैं. उनका सामान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के घर (10 जनपथ) में शिफ्ट हो रहा है. वे जल्द ही यहां रहने लगेंगे. 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी. हालांकि कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी दे दी थी. केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे.
मानहानि केस में सजा के ऐलान के अगले दिन राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. 27 मार्च को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस भी दे दिया गया. नोटिस मिलने के बाद राहुल ने कहा था कि सरकारी बंगले से उनकी कई अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तब उन्हें अपने या सोनिया के बंगले में शिफ्ट होने का सुझाव दिया था.
22 अप्रैल तक का मिला था समय
लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के लिए 22 अप्रैल तक का समय दिया था. नोटिस मिलने के अगले दिन राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ. मोहित रंजन को लिखित जवाब भेजा. जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बंगला खाली कर देंगे.
घर से कई अच्छी यादें जुड़ी-राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लोकसभा सेक्रेटरी को अपने जवाब में लिखा था- 'मैं 4 बार लोकसभा सांसद चुना गया. यह लोगों का जनादेश है, जिसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं. मेरी इस घर से कई अच्छी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं नोटिस में दिए गए आदेश का पालन करूंगा. 2004 में अमेठी से पहली बार सांसद चुने जाने पर राहुल को यह बंगला 2005 में अलॉट किया गया था.'
क्यों रद्द हुई राहुल गांधी की सदस्यता?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा. इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है.
राहुल की अपील पर 20 अप्रैल को आएगा फैसला
मानहानि केस में सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील पर गुरुवार को सूरत सेशन कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसे 20 अप्रैल को सुनाया जाएगा.
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