वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम (WEF) के दावोस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्चुअल संबोधन के दौरान हुई गड़बड़ी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है. राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा, " इतना झूठ तो टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं झेल पाया". इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के कई ट्विटर अकाउंट्स से दावोस सम्मेलन के आयोजकों को इसके लिए दोषी ठहराया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइज़र शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट किया, "तकनीक़ी गड़बड़ी पर उत्साहित होने वालों को क्या यह समझ नहीं आ रहा कि समस्या WEF की तरफ से आई इसलिए उनसे दोबारा शुरू करने की अपील की गई. इसी वजह से क्लॉस श्वाब ने जिस तरह से कहा कि वो दोबारा एक छोटा परिचय देंगे और सेशन को दोबारा शुरू करेंगे.
कुछ लोगों ने क्या ग़लत हुआ यह बताते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है. इस वीडियो में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण बिना अंग्रेजी अनुवाद के शुरू हो गया था और उन्हें समन्वयक द्वारा बीच भाषण में रोका गया. क्लॉस श्वाब ने इसके बाद आधिकारिक सत्र की शुरुआत की घोषणा की और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ भाषण की फिर से शुरुआत की.
पांच दिन तक चलने वाले "दावोस एजेंडा" ऑनलाइन सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान जरूरी दवाओं और वैक्सीन की सप्लाई कर कई जानें बचाईं. उन्होंने वैश्विक नेताओं को यह भी बताया कि यह भारत में निवेश का बेहतरीन समय है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत को दुनिया में सबसे आकर्षक निवेश का केंद्र बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत दुनिया के लिए 'उम्मीदों का गुलदस्ता' लाया है. इसमें लोकतंत्र के लिए हमारा विश्वास है, इसमें तकनीक है, हमारा मिज़ाज़ भी है और कौशल भी."