किसान आंदोलन (Farmers Protest) का आज 49वां दिन है. नए कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी की मांग को लेकर पंजाब समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. विपक्षी दल लगातार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आ रहे हैं. आंदोलन के दौरान अब तक 60 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. किसान आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मोदी सरकार पर हमलावर हैं. अब से कुछ देर पहले उन्होंने एक बार फिर ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधा है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, '60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है.' राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है. ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा. जय जवान, जय किसान.'
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसान संगठनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय समिति गठित कर दी.
कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर राहुल गांधी का वार- 'अन्नदाता समझता है आपके इरादे'
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद समिति के लिए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक (दक्षिण एशिया) डॉ प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के नामों की घोषणा की है.
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