कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में मोची रामचैत से मुलाकात करने के बाद एक दिन बाद शनिवार को उसे जूते सिलने की मशीन भेज दी. कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए रामचैत को सिलाई मशीन देने की जानकारी दी. जूते सिलने की मशीन पाकर रामचैत की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
कांग्रेस ने अपने पोस्ट में लिखा, "जननायक राहुल गांधी जी कल सुल्तानपुर (यूपी) में मोची रामचैत जी से मिले थे, उनके काम की बारीकियों को समझा था. अब उनके लिए जूते सिलने की मशीन भिजवाई है, जिससे रामचैत जी को जूते की सिलाई में आसानी होगी. ऐसे हैं आपके राहुल, जन-जन के राहुल."
राहुल गांधी शुक्रवार को मानहानि मामले में सुल्तानपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए थे. कोर्ट से निकलने के बाद एयरपोर्ट जाते हुए वे मोची रामचैत की दुकान पर रुके थे. राहुल गांधी ने इस दौरान मोची से बातचीत की थी और उनका हालचाल भी जाना था.
कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, ''नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रास्ते में गाड़ी रुकवाकर मोची का काम करने वाले परिवार से मुलाकात की. हम इन मेहनतकश लोगों के अधिकारों के लिए लगातार लड़ रहे हैं, सड़क से संसद तक इनकी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इनका वर्तमान सुरक्षित और भविष्य खुशहाल बनाना ही हमारा लक्ष्य है.''
रामचैत ने पत्रकारों को बताया कि मशीन पाकर वह बहुत प्रसन्न है क्योंकि इससे उसे काम करने में काफी सुविधा हो जाएगी. उसने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि इतना बड़ा सामान तुरंत मिल गया. कल राहुल गांधी मेरी दुकान पर एकाएक आकर बैठ गए और हमारे कामकाज के बारे में जाना. मैंने बताया कि जूते की सिलाई कहीं और कराता हूं और यहां उसकी फिटिंग करता हूं.''
रामचेत ने बताया कि,‘‘राहुल गांधी ने कहा था कि मैं तुम्हारी मदद करूंगा और आज ही उन्होंने मशीन भेज दी. पहले मैं एक दिन में एक- दो जोड़ी जूते तैयार कर पाता था लेकिन अब इस मशीन के मिलने से दिनभर में आठ-दस जोड़ी तैयार कर लूंगा.'' उन्होंने कहा,‘‘इस मशीन से अब स्कूल बैग, पर्स वगैरह भी बनाऊंगा.''
इससे पहले भी राहुल गांधी ने अचानक दिल्ली के जीटीबी नगर पहुंचकर रेहड़ी-पटरी वाले दिहाड़ी मजदूरों से मुलाकात की थी. उन्होंने मजदूरों से उनके जीवन की कठिनाइयों और रोजगार से जुड़ी समस्याओं के बारे में जाना था. उन्हें समस्याओं के समाधान का भी भरोसा दिलाया था.
(इनपुट भाषा से भी)