- राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि विपक्ष और देश के सभी मतदाता साफ-सुथरी मतदाता सूची की मांग कर रहे हैं.
- बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण और वोट चोरी के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर से मार्च निकाला.
- राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर डेटा छिपाने का आरोप लगाया और एक व्यक्ति-एक वोट के सिद्धांत की लड़ाई बताई.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहता है. चुनाव आयोग जानता है कि जो डेटा वह छिपाने की कोशिश कर रहा है, वह सामने आकर रहेगा. विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और ‘‘वोट चोरी'' के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला. हालांकि पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया और बाद में हिरासत में ले लिया.
'मैं दस्तखत नहीं करूंगा'
हिरासत में लिये जाने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, 'सच्चाई देश के सामने है. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति-एक वोट' की लड़ाई है. हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं.' राहुल गांधी ने कहा, 'यह चुनाव आयोग का डेटा है. यह मेरा डेटा नहीं है, जिसके लिए मैं हलफनामे पर दस्तखत करूंगा. चुनाव आयोग डेटा उठाए और उसे अपनी वेबसाइट पर डाले, फिर उसे खुद पता चल जाएगा.'
ध्यान भटकाने की कोशिश
उन्होंने दावा किया, 'यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है. ऐसा सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं हुआ, बल्कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में भी हुआ है. निर्वाचन आयोग जानता है, जो डेटा वह छिपाने की कोशिश कर रहा है, वह सामने आकर रहेगा.' बाद में उन्होंने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'आज जब हम निर्वाचन आयोग से मिलने जा रहे थे, ‘इंडिया' गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया. वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता मांग करता है, साफ-सुथरी मतदाता सूची. यह हक़ हम हर हाल में लेकर रहेंगे.'
आयोग का छिपना मुश्किल
राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से कहा, ‘हिंदुस्तान में लोकतंत्र की हालत देखिए. तीन सौ सांसद चुनाव आयोग से मिलना चाहते हैं, लेकिन आयोग कहता है, आप मिलने नहीं आ सकते हैं, क्योंकि निर्वाचन आयोग सच्चाई से डरता है.' उनका कहना था कि संविधान के हिसाब से एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है. हमने साफ दिखाया है कि अब 'एक व्यक्ति-एक वोट' का सिद्धांत नहीं है. देश के युवाओं को यह सच्चाई पता चल गई है. अब निर्वाचन आयोग का छिपना मुश्किल है.
चुनाव आयोग ने नकारे आरोप
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से नकार दिया है. आयोग ने कहा है कि उसकी प्रक्रियाएं पारदर्शी हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए हैं. आयोग ने इसके साथ ही राहुल गांधी से अपने दावों को एक साइन किए हुए हलफनामे में दर्ज करने और सबूत पेश करने की मांग की है.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने राहुल गांधी का समर्थन किया और कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी राज्य चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार शपथ नहीं लेंगे. डीके शिवकुमार ने कहा, 'हम स्कूली बच्चे नहीं हैं कि चुनाव आयोग जो भी पूछे, उसका जवाब दें. उन्हें हासिल करना उनकी (चुनाव आयोग की) जिम्मेदारी है. मेरे नेता ने सार्वजनिक तौर पर इसका प्रदर्शन किया है. उन्होंने एक प्रेजेंटेशन दिया है. चुनाव आयोग को यह पहले ही मिल चुका है.'