हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) को लेकर नामांकन प्रक्रिया जारी है. गुरुवार को नामांकन की अंतिम तारीख है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बात नहीं बनने के बाद दोनों ही दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. आम आदमी पार्टी की तरफ से भी अब तक 4 लिस्ट जारी किए जा चुके हैं. आम आदमी पार्टी के नेता और पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार को कहा कि इस बार हरियाणा में AAP के बिना सरकार नहीं बनने वाली है.
दुष्यंत चौटाला पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी उम्मीद से उचाना की जनता ने JJP के VIP नेता को जिताकर भेजा था लेकिन उस नेता ने जनता के साथ विश्वासघात किया. इस बार JJP - जमानत जब्त पार्टी बनने वाली है.
AAP ने अब तक 61 उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने बुधवार को उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है. आप की चौथी लिस्ट में 21 उम्मीदवारों के नाम हैं. पानीपत ग्रामीण से सुखबीर मलिक को टिकट दिया गया है. जुलाना से पूर्व वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (WWE) रेसलर कविता दलाल को उतारा गया है. इस सीट से कांग्रेस ने रेसलर विनेश फोगाट को प्रत्याशी बनाया है, जबकि BJP ने कैप्टन योगेश बैरागी पर दांव खेला है. ऐसे में जुलाना सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. इसके साथ ही AAP ने लाडवा सीट पर CM नायब सिंह सैनी के मुकाबले जोगा सिंह पर दांव खेला है. अब तक AAP 61 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. पार्टी ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है.
मंगलवार को आयी थी तीसरी लिस्ट
हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार देर रात अपने कैंडिडेट्स की तीसरी लिस्ट जारी की थी. इसमें 11 उम्मीदवारों के नाम हैं. इससे पहले पार्टी ने मंगलवार सुबह 9 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की थी. दूसरी लिस्ट में पूर्व मंत्री प्रोफेसर छत्रपाल सिंह का नाम था. BJP छोड़कर AAP में आए छत्रपाल सिंह को हिसार के बरवाला से टिकट दिया गया है.
5 अक्तूबर को डाले जाएंगे वोट
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. 8 अक्टूबर को मतों की गणना होगी. हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है. 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर राज्य का गठन हुआ था. राज्य में विधानसभा की 90 सीटें हैं. बहुमत के लिए किसी भी राजनीतिक दल को 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. राज्य की 90 सीटों में से 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं.
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