- मेरठ में मुस्लिम युवकों ने 'भगवा लव ट्रैप' नामक सिंडिकेट बनाकर मुस्लिम लड़कियों को बदनाम करने की साजिश रची.
- यह गैंग मुस्लिम लड़कियों को टारगेट कर उनके हिंदू दोस्तों के साथ तस्वीरें और वीडियो छुपकर रिकॉर्ड करता था.
- साथ ही फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर तस्वीरों और वीडियो को गंदे कमेंट्स के साथ वायरल किया जाता था.
लव जिहाद. ये नाम तो आपने हजारों बार सुना होगा, लेकिन क्या आपने "भगवा लव ट्रैप" सुना है? एक ऐसा ट्रैप, एक ऐसी साजिश... जिसमें मुस्लिम लड़कियों को बदनाम करने का ठेका खुद मुस्लिम लड़कों ने ही उठा लिया है. ये कहानी है धोखे की, कट्टर सोच की और एक ऐसी घिनौनी साजिश की, जिसका मकसद था समाज में आग लगाना. आइए जानते है कि कौन हैं ये लोग? क्यों कर रहे हैं अपनी ही कौम की लड़कियों को बदनाम? और क्या है ये 'भगवा लव ट्रैप' का पूरा खेल?
हम सब जानते हैं कि लड़का-लड़की दोस्त हो सकते हैं. चाहे वो किसी भी धर्म के हों, लेकिन कुछ सिरफिरे लोगों को ये दोस्ती बर्दाश्त नहीं होती. मेरठ में कुछ ऐसा ही हुआ. मुस्लिम लड़कियों का हिंदू लड़कों के साथ उठना-बैठना, घूमना-फिरना कुछ मुस्लिम युवकों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने एक पूरा सिंडिकेट बना लिया. एक गैंग... और इस गैंग ने अपनी इस घिनौनी हरकत को नाम दिया - "भगवा लव ट्रैप".
क्या है 'भगवा लव ट्रैप' और कैसे काम करता है?
आप सोच रहे होंगे कि ये 'भगवा लव ट्रैप' आखिर है क्या? आइए जानते हैं इसके बारे में.
- टारगेट: ये गैंग उन मुस्लिम लड़कियों को टारगेट करता है, जिनके दोस्त हिंदू हैं.
- जासूसी: ये लोग इन लड़कियों का पीछा करते हैं. यूनिवर्सिटी में, कैंटीन में, बाज़ार में और हर जगह.
- रिकॉर्डिंग: मौका मिलते ही ये लोग चुपके से लड़कियों और उनके हिंदू दोस्तों की तस्वीरें खींच लेते हैं या वीडियो बना लेते हैं. नॉर्मल बातचीत की वीडियो, साथ में घूमते हुए वीडियो.
- फेक प्रोफाइल: इसके बाद इंस्टाग्राम पर लड़कियों के नाम से या किसी और नाम से फर्जी आईडी बनाई जाती है.
- वायरल: और फिर इन तस्वीरों और वीडियोज को भद्दे, गंदे और सांप्रदायिक कमेंट्स के साथ इन फेक प्रोफाइल से वायरल कर दिया जाता है.
- मकसद: लड़की को इतना बदनाम कर दो कि वो घर से निकलना छोड़ दे, उसकी इज्जत मिट्टी में मिल जाए और साथ ही हिंदू-मुस्लिम दोस्तों के बीच नफरत पैदा हो जाए. मतलब अपनी ही कौम की लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का पूरा प्लान.
मेरठ की छात्रा की कहानी
इस गैंग का शिकार हुई मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक छात्रा. इस लड़की की दोस्ती एक हिंदू लड़के से थी. दोनों क्लासमेट थे, दोस्त थे. इस गैंग ने इन दोनों की साथ में एक वीडियो बनाई और उसे इंस्टाग्राम पर वायरल कर दिया. वीडियो के ऊपर ऐसे-ऐसे कमेंट लिखे गए कि कोई भी लड़की डिप्रेशन में चली जाए. उसे समाज में जलील करने की हर कोशिश की गई, लेकिन वो लड़की डरी नहीं. उसने हिम्मत दिखाई. वो सीधे पहुंची मेरठ के मेडिकल थाने और फिरोज नाम के एक शख्स के खिलाफ FIR दर्ज करा दी. उसने पुलिस को बताया कि कैसे उसे बदनाम करने की नीयत से ये सब किया जा रहा है. यहीं से शुरू हुई पुलिस की तफ्तीश.
पुलिस का एक्शन, आरोपी गिरफ्तार
अब कहानी में आता है असली ट्विस्ट. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से वीडियो वायरल हुआ, वो तो फर्जी है. लेकिन साइबर एक्सपर्ट्स ने हार नहीं मानी. उन्होंने उस आईडी को बनाने में इस्तेमाल हुए मोबाइल नंबर को ट्रैक कर लिया और ये नंबर सीधा ले गया आरोपी फिरोज तक. जैसे ही फिरोज को भनक लगी कि पुलिस उस तक पहुंचने वाली है, वो अलीगढ़ से सीधे बिहार भाग गया. उसे लगा कि वो कानून के लंबे हाथों से बच जाएगा, लेकिन यूपी पुलिस भी पीछे लग गई. लोकेशन ट्रैक करते-करते टीम बिहार पहुंची और इस 'भगवा लव ट्रैप' के मास्टरमाइंड फिरोज को धर दबोचा.
क्या यह एक बड़ी साजिश है?
फिरोज तो पकड़ा गया, लेकिन पुलिस की पूछताछ में जो सामने आया वो और भी खतरनाक है. फिरोज इस खेल में अकेला नहीं था. उसका पूरा गैंग है, एक पूरा सिंडिकेट है जो इस 'भगवा लव ट्रैप' को ऑपरेट कर रहा है. अब पुलिस के सामने दो बड़े सवाल हैं: क्या इसके पीछे कोई बड़ी ताकत, कोई संगठन काम कर रहा है जिसका मकसद सिर्फ दंगे भड़काना है? और सबसे बड़ा सवाल है कि क्या इस काम के लिए इन लोगों को कहीं से फंडिंग हो रही है? पैसा मिल रहा है?
इन सवालों के जवाब पुलिस तलाश रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे गैंग का पर्दाफाश होगा. ये मामला सिर्फ एक लड़की को बदनाम करने का नहीं है. ये मामला हमारी सोच पर हमले का है. ये कट्टरपंथी सोच, चाहे वो किसी भी धर्म में हो, हमारे समाज के लिए जहर है.