Qwik Supply तीसरी बड़ी चुनावी बॉण्ड खरीदार, रिलायंस ने अपनी सब्सिडियरी होने से नकारा

कंपनी ने 2021-22 में 360 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे जबकि उस साल उसका शुद्ध लाभ केवल 21.72 करोड़ रुपये था.

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नई दिल्ली:

कम चर्चित कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड चुनावी बॉण्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली तीसरी सबसे बड़ी दानदाता के रूप में सामने आई है. इसने वित्त वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे. क्विक सप्लाई नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में पंजीकृत है और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी हुई है. हालांकि रिलायंस ने कहा है कि यह कंपनी उसकी किसी भी इकाई की अनुषंगी कंपनी नहीं है.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड के बारे में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक, क्विक सप्लाई चुनावी बॉण्ड की खरीद में एक अन्य कम चर्चित लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) और हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा (966 करोड़ रुपये) के बाद तीसरे स्थान पर रही है.

सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना में क्विक सप्लाई को गोदामों और भंडारण इकाइयों का विनिर्माता बताया गया है. इस गैर-सूचीबद्ध निजी कंपनी को नौ नवंबर, 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ गठित किया गया था. इसकी चुकता पूंजी 129.99 करोड़ रुपये है. कंपनी का राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में 500 करोड़ रुपये से अधिक था. हालांकि मुनाफे का आंकड़ा ज्ञात नहीं है.

कंपनी ने 2021-22 में 360 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे जबकि उस साल उसका शुद्ध लाभ केवल 21.72 करोड़ रुपये था. इसने वित्त वर्ष 2023-24 में भी 50 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे हैं.

कंपनी पंजीयक (आरओसी) को दी गई जानकारी के मुताबिक, क्विक सप्लाई चेन में रिलायंस ग्रुप सपोर्ट, रिलायंस फायर ब्रिगेड और रिलायंस हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पास संयुक्त रूप से 50.04 प्रतिशत हिस्सेदारी है. बताया गया है कि क्विक सप्लाई रिलायंस की खुदरा इकाई को लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला समर्थन देती है.

इस बारे में पूछे गए सवालों पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक प्रवक्ता ने कहा, ''क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड किसी भी रिलायंस इकाई की अनुषंगी नहीं है.''

इस कंपनी में तीन निदेशक हैं और एक प्रमुख प्रबंधन अधिकारी है. निदेशक मंडल में सबसे लंबे समय (17 नवंबर, 2014) से कार्यरत निदेशक तापस मित्रा हैं. वह संयोग से 25 अन्य कंपनियों के निदेशक मंडल में भी शामिल हैं. मित्रा रिलायंस इरोज प्रोडक्शंस एलएलपी जैसी साझेदार फर्म और जामनगर कांडला पाइपलाइन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के भी निदेशक हैं.

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जामनगर कांडला पाइपलाइन अहमदाबाद में जिस पते पर पंजीकृत है, वही पता रिलायंस की कुछ कंपनियों, जैसे रिलायंस पेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, जामनगर रतलाम पाइपलाइन प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टैंकेजेज प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस ऑयल एंड पेट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड का भी है.

विपुल प्राणलाल मेहता भी 10 दिसंबर, 2019 से क्विक सप्लाई के निदेशक मंडल में शामिल हैं. वह आठ अन्य कंपनियों के निदेशक भी हैं, जिनमें एक रिले आइकॉन्स एंड ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. क्विक सप्लाई के निदेशक मंडल में श्रीधर टिट्टी 27 नवंबर, 2023 को शामिल हुए.

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रिलायंस से जुड़ी एक और फर्म हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अप्रैल, 2021 को 30 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे. इसके दो निदेशकों में से एक- सत्यनारायणमूर्ति वीरा वेंकट कोरलेप 2005 से रिलायंस समूह की कई इकाइयों के बोर्ड में शामिल हैं. हनीवेल प्रॉपर्टीज और रिलायंस समूह की कई फर्मों का पंजीकृत पता भी एकसमान है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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